दिल्ली की सफाई को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने की महत्वपूर्ण बैठक
दिल्ली को स्वच्छ बनाने की दिशा में ठोस कदम
नई दिल्ली - मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानी दिल्ली को साफ-सुथरा रखने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। इस उद्देश्य के लिए, सरकार ने कई प्रभावी कदम उठाने का निर्णय लिया है। विभिन्न क्षेत्रों में कूड़े के निपटान के लिए आधुनिक कम्पेक्टर लगाए जाएंगे, और हरित कूड़े के प्रबंधन के लिए विशेष मशीनें स्थापित की जाएंगी। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे दिन में एक बार फील्ड में जाकर सफाई की स्थिति की निगरानी करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सफाई के प्रति उनकी सरकार की संवेदनशीलता अत्यधिक है, और 'विकसित दिल्ली' का सपना तभी पूरा होगा जब राजधानी को स्वच्छ बनाया जाएगा। इसके अलावा, सड़कों के निर्माण के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा।
उच्चस्तरीय बैठक में लिए गए निर्णय
मुख्यमंत्री ने दिल्ली सचिवालय में सफाई और स्वच्छता के मुद्दे पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में शहरी विकास मंत्री आशीष सूद, मुख्य सचिव राजीव वर्मा, और दिल्ली नगर निगम के आयुक्त अश्विनी कुमार सहित अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने सफाई के मामले में गंभीरता नहीं दिखाई, लेकिन उनकी सरकार इस पर लगातार विचार कर रही है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यदि उनके पास कोई योजना है, तो उसे तुरंत लागू किया जाएगा।
सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए नए उपाय
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में उच्च क्षमता वाले कूड़े के कम्पेक्टर लगाए जाएंगे। इसके लिए डीडीए और ड्यूसिब जमीन उपलब्ध कराएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी में हरियाली के कारण ग्रीन कूड़े की मात्रा भी अधिक है, जिसके प्रबंधन के लिए आधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्रों का दौरा करें और सफाई व्यवस्था का निरीक्षण करें।
सड़क निर्माण में गुणवत्ता पर ध्यान
बैठक में शहरी विकास मंत्री ने सड़कों की गुणवत्ता और बनावट पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि रोड कटिंग एक बड़ी समस्या बन गई है और इसके लिए एक समग्र नीति बनानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि सड़क निर्माण से जुड़े सभी अधिकारियों की एक विशेष समिति बनाई जाए, ताकि सड़क निर्माण से पहले उसकी बनावट और डिजाइन पर निर्णय लिया जा सके। इससे रोड कटिंग की समस्या कम होगी और निर्माण की गुणवत्ता में सुधार होगा।