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दिल्ली के लाल किले के पास कार धमाके की गुत्थी: क्या है साजिश का सच?

दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार धमाके ने पूरे देश को हिला दिया है। इस घटना में 12 लोगों की मौत हो चुकी है, और जांच में पता चला है कि कार कई बार मालिक बदल चुकी है। क्या यह एक सुनियोजित आतंकी साजिश है? जानें इस मामले में क्या खुलासे हुए हैं और पुलिस किस दिशा में जांच कर रही है।
 

दिल्ली में कार धमाका: जांच की दिशा


नई दिल्ली : हाल ही में दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के निकट हुए कार धमाके ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। इस i20 कार का पहला मालिक मोहम्मद सलमान, जो गुरुग्राम का निवासी है, निकला है। पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है कि यह कार कई बार मालिक बदलते हुए जम्मू-कश्मीर के पुलवामा तक पहुंची और अंततः दिल्ली में इस हमले में इस्तेमाल की गई। हालांकि, पुलिस ने इसे आधिकारिक रूप से आतंकी हमला नहीं कहा है, लेकिन जांच के संकेत कुछ और ही बता रहे हैं।


कार की बिक्री का रहस्य

कार की बिक्री का सिलसिला
जांच में यह भी सामने आया है कि मोहम्मद सलमान ने यह i20 कार लगभग डेढ़ साल पहले दिल्ली के ओखला निवासी देवेंद्र को बेची थी। इसके बाद देवेंद्र ने इसे अंबाला में किसी अन्य व्यक्ति को बेच दिया। अंततः यह कार पुलवामा के तारिक नामक व्यक्ति तक पहुंची। पुलिस अब इस पूरी श्रृंखला को ट्रेस कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कार किसने खरीदी और इसमें विस्फोटक सामग्री किसने रखी।


पहले मालिक से पूछताछ

कार के पहले मालिक से पूछताछ
धमाके के बाद, दिल्ली और गुरुग्राम पुलिस की संयुक्त टीम ने कार के पहले मालिक मोहम्मद सलमान को हिरासत में लेकर पूछताछ की। सलमान गुरुग्राम के शांति नगर क्षेत्र में निवास करता था। पुलिस ने उसके मकान मालिक दिनेश और उनके परिवार से भी पूछताछ की, जिनके घर में सलमान 2016 से 2020 तक किराए पर रहा था। दिनेश की मां वीरवती ने बताया कि पुलिस ने उनके बेटे को भी पूछताछ के लिए ले गई है।


धमाके में हुई मौतों की संख्या

अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि
इस धमाके में अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। पुलिस का मानना है कि इस कार को जानबूझकर चुना गया ताकि इसके असली मालिकों तक पहुंचना मुश्किल हो। कई हाथों में गुजरने के कारण इसका ट्रैक रखना कठिन हो गया है। सुरक्षा एजेंसियां अब यह जांच कर रही हैं कि क्या यह कार किसी आतंकी साजिश का हिस्सा थी या किसी अन्य आपराधिक गतिविधि के लिए इस्तेमाल की गई। फिलहाल, फॉरेंसिक टीम और एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) के अधिकारी भी इस मामले में सक्रिय हैं और कार के रजिस्ट्रेशन ट्रेल, मोबाइल डेटा और सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया जा रहा है।


क्या है साजिश का सच?

घटना किसी बड़ी साजिश का हिस्सा
लाल किला धमाके की जांच अब उस दिशा में बढ़ रही है जहां यह घटना किसी बड़ी साजिश का हिस्सा लग रही है। गुरुग्राम से पुलवामा और फिर दिल्ली तक पहुंची यह कार कई रहस्यों को अपने साथ समेटे हुए है। पुलिस सभी कड़ियों को जोड़कर यह समझने की कोशिश कर रही है कि यह सिर्फ एक हादसा था या देश की राजधानी को दहलाने की सुनियोजित कोशिश।