दिल्ली के लाल किले के पास विस्फोट: डॉ. उमर की नई सीसीटीवी फुटेज से खुलासा
नई सीसीटीवी फुटेज से खुलासा
नई दिल्लीः दिल्ली के लाल किले के निकट हुए आत्मघाती विस्फोट की जांच में एक नई सीसीटीवी फुटेज सामने आई है, जिसमें हमले के मुख्य आरोपी डॉ. उमर की स्पष्ट छवि दिखाई दे रही है। इस वीडियो में वह फरीदाबाद की एक मोबाइल दुकान में नजर आ रहे हैं, जहां उनका चेहरा पहली बार साफ दिख रहा है। फुटेज में उमर एक बैग लेकर और दो मोबाइल फोन के साथ दुकान में प्रवेश करते हैं, और उनके हाव-भाव से तनाव और घबराहट का संकेत मिलता है।
मोबाइल फोन ने बढ़ाई टेंशन
वीडियो में उमर को अपने बैग से एक फोन निकालकर दुकानदार को चार्ज करने के लिए देते हुए देखा जा सकता है, जबकि दूसरा फोन उसकी गोद में रखा रहता है। यह दृश्य जांचकर्ताओं के लिए चौंकाने वाला था, क्योंकि विस्फोट के बाद जब उसका शव मिला, तो घटनास्थल से कोई मोबाइल डिवाइस नहीं मिला। इससे यह संदेह और गहरा हो गया कि उसने विस्फोट से पहले फोन को कहीं छिपा दिया था या किसी अन्य व्यक्ति को सौंप दिया था।
हमले में इस्तेमाल की गई कार
अधिकारियों के अनुसार, उमर ने उसी सफेद हुंडई i20 कार का संचालन किया, जिसमें लाल किले के पास विस्फोट हुआ। इस हमले में 13 लोगों की जान गई और 20 से अधिक लोग घायल हुए। उमर, जो 1989 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जन्मा था, फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर था और अपने समुदाय में एक प्रतिभाशाली चिकित्सक के रूप में जाना जाता था।
कट्टरपंथ की ओर झुकाव
जांच में यह भी सामने आया कि उमर जम्मू-कश्मीर के दो अन्य डॉक्टरों, डॉ. मुजम्मिल और डॉ. शाहीन के संपर्क में था। दोनों को फरीदाबाद से पकड़े गए आतंकियों के मॉड्यूल के खुलासे के बाद हिरासत में लिया गया था, जिनके पास से 2,900 किलो विस्फोटक बरामद हुए थे। अधिकारियों का कहना है कि उमर पिछले दो वर्षों में कट्टरपंथी विचारधारा की ओर तेजी से बढ़ा था और उसने कई उग्रवादी समूहों से सोशल मीडिया पर संपर्क किया था।
एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म पर बनाई गई साजिश
जांचकर्ताओं ने यह भी पाया कि उमर और उसके सहयोगियों ने योजना बनाने और संवाद के लिए स्विट्जरलैंड आधारित एन्क्रिप्टेड ऐप 'थ्रीमा' का उपयोग किया। इसके अलावा, उसने एक छोटा निजी सिग्नल समूह भी बनाया था, जिसमें ऑपरेशन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की जाती थी। इस समूह ने कथित तौर पर 26 लाख रुपये से अधिक धन जुटाया, जो उमर को गतिविधियों को अंजाम देने के लिए दिया गया था।
विस्फोटक सामग्री की खरीद
पुलिस के अनुसार, इस पैसे से गुरुग्राम, नूंह और आस-पास के क्षेत्रों के आपूर्तिकर्ताओं से लगभग 3 लाख रुपये के करीब 26 क्विंटल एनपीके उर्वरक खरीदा गया। एनपीके में मौजूद रसायन, अन्य रसायनों के साथ मिलकर तात्कालिक विस्फोटक उपकरण (IED) बनाने के लिए उपयोग किए जा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, करीब आठ संदिग्ध चार शहरों में एक साथ ब्लास्ट करने की योजना बना रहे थे और उनके समूह को जोड़ों में बांटा गया था।