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दिल्ली में दिवाली से पहले प्रदूषण का बढ़ता संकट: GRAP-2 लागू

दिल्ली में दिवाली से पहले वायु प्रदूषण का स्तर चिंताजनक रूप से बढ़ गया है, जिसके चलते GRAP-2 लागू किया गया है। इस योजना के तहत निर्माण कार्यों पर सख्ती, डीजल जेनरेटरों के उपयोग पर प्रतिबंध और अन्य उपाय शामिल हैं। यदि AQI 400 के पार पहुंचता है, तो और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और भविष्य की संभावनाएं।
 

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में गिरावट


रविवार को दिवाली से पहले, दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर अचानक बढ़ गया, जिससे राजधानी की वायु गुणवत्ता गंभीर स्थिति में पहुंच गई। इस स्थिति को देखते हुए पर्यावरण प्राधिकरणों ने GRAP-2 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत नए प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है।


वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 296 पर पहुंच गया है, जो खराब श्रेणी में आता है, लेकिन बेहद खराब श्रेणी (301-400) से केवल कुछ अंक दूर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में यह स्थिति और भी चिंताजनक है। आनंद विहार में AQI 430 तक पहुंच गया, जबकि वज़ीरपुर, विवेक विहार, द्वारका, आरके पुरम, और पंजाबी बाग जैसे क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' स्तर पर दर्ज की गई।


इससे पहले सप्ताह की शुरुआत में GRAP-1 लागू किया गया था, जिसमें निर्माण कार्यों से निकलने वाली धूल को नियंत्रित करने, कचरा जलाने पर रोक लगाने और संवेदनशील समूहों के लिए बाहरी गतिविधियों में सावधानी बरतने की सलाह दी गई थी। लेकिन हालात के बिगड़ने के कारण GRAP-2 को लागू करना पड़ा है.


GRAP-2 के तहत लागू प्रतिबंध

GRAP-2 में क्या है लागू?


1. निर्माण कार्यों पर सख्ती (आवश्यक सेवाओं के अलावा)
2. डीजल जेनरेटरों का प्रतिबंधित उपयोग
3. सड़कों पर पानी का छिड़काव और धूल नियंत्रण
4. वाहनों की पार्किंग फीस बढ़ाना, ताकि वाहन उपयोग में कमी लाई जा सके


भविष्य में क्या हो सकता है?

आगे क्या हो सकता है?


यदि AQI 400 के पार पहुंचता है, तो GRAP चरण-3 लागू होगा, जिसमें सभी गैर-जरूरी निर्माण कार्य बंद करने और हॉट मिक्स प्लांट्स पर रोक लगाने जैसे उपाय शामिल हैं। GRAP-4, AQI 450 पार होने पर लागू होता है, जिसमें ट्रकों के प्रवेश पर रोक, निजी डीजल वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी और घर से काम करने की सलाह शामिल है।


यह योजना 2016 में सुप्रीम कोर्ट की स्वीकृति के बाद लागू की गई थी, जिसका उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में सुधार करना और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करना है। वर्तमान स्थिति ने एक बार फिर इस आपातकालीन योजना को सक्रिय करने की आवश्यकता को उजागर किया है।