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दिल्ली में पानी के बिलों पर विलंब शुल्क माफी: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की नई योजना

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घरेलू जल उपभोक्ताओं के लिए पानी के बिलों पर विलंब शुल्क माफ करने की योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत, उपभोक्ताओं को 31 जनवरी 2026 तक विलंब शुल्क की पूरी माफी मिलेगी। इसके अलावा, अवैध जल कनेक्शनों को वैध बनाने के लिए शुल्क में भी भारी कटौती की गई है। यह कदम लाखों घरों को वित्तीय राहत प्रदान करेगा और दिल्ली जल बोर्ड के राजस्व संग्रहण में सुधार लाएगा।
 

दिल्ली जल बिल माफी की नई नीति


दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को घरेलू जल उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है, जिसमें पानी के बिलों पर लगे विलंब भुगतान शुल्क को माफ किया जाएगा। इस योजना के तहत, उपभोक्ताओं को 31 जनवरी 2026 तक विलंब शुल्क की पूरी माफी मिलेगी, जो कि 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि है।


विलंब शुल्क में कमी

मुख्यमंत्री ने बताया कि 31 जनवरी तक विलंब शुल्क की पूरी माफी लागू रहेगी। इसके बाद, 1 फरवरी से 31 मार्च 2026 तक, विलंब शुल्क पर 70 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस योजना का कोई विस्तार नहीं होगा। यह कदम दिल्ली के लाखों घरेलू उपभोक्ताओं के लिए वित्तीय राहत प्रदान करेगा।


अवैध जल कनेक्शन के लिए शुल्क में कमी

सरकार ने अवैध जल कनेक्शन को वैध बनाने के लिए शुल्कों में भी भारी कटौती की है। घरेलू कनेक्शनों के लिए अवैध से वैध परिवर्तन शुल्क को 25,000 रुपये से घटाकर 1,000 रुपये कर दिया गया है। वहीं, गैर-घरेलू कनेक्शन के लिए यह शुल्क 61,000 रुपये से घटाकर 5,000 रुपये कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में लगभग 29 लाख अवैध जल कनेक्शन हैं, जिन्हें वैध बनाना सरकार की प्राथमिकता है।


दिल्ली जल बोर्ड के बकाया बिलों की स्थिति

दिल्ली जल बोर्ड के पास कुल बकाया पानी के बिलों की राशि लगभग 87,589 करोड़ रुपये है, जिसमें घरेलू, सरकारी और व्यावसायिक सभी श्रेणियां शामिल हैं। इस राशि में से मुख्य राशि 7,125 करोड़ रुपये है, जबकि विलंब शुल्क लगभग 80,463 करोड़ रुपये है, जो कुल बिल का 91 प्रतिशत है। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि विलंब शुल्क की माफी से उपभोक्ताओं पर कितना बड़ा आर्थिक दबाव कम होगा।


लाखों घरों को मिलेगी वित्तीय राहत

इस योजना से दिल्ली के लाखों घरों को वित्तीय राहत मिलेगी और अवैध कनेक्शनों को वैध बनाने की प्रक्रिया भी सरल होगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की यह पहल न केवल उपभोक्ताओं के लिए मददगार साबित होगी, बल्कि दिल्ली जल बोर्ड के लिए भी राजस्व संग्रहण की स्थिति सुधारने में सहायक होगी।