दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति गंभीर: सरकार ने वर्क फ्रॉम होम का किया आदेश
दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति
नई दिल्ली: दिल्ली एक बार फिर से गंभीर वायु प्रदूषण का सामना कर रही है। जहरीली हवा के बीच, सरकार ने सभी सरकारी और निजी संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे अपने 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा प्रदान करें। सरकार ने चेतावनी दी है कि जो कंपनियां इस आदेश का पालन नहीं करेंगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना भी शामिल है। इसका उद्देश्य सड़कों पर भीड़ को कम करना और प्रदूषण को नियंत्रित करना है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में गिरावट
14 दिसंबर को इस मौसम में अब तक की सबसे खराब वायु गुणवत्ता देखी गई। शाम के समय, दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 441 तक पहुंच गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, रात होते-होते AQI 460 तक पहुंच गया, जो न केवल बुजुर्गों और बच्चों के लिए, बल्कि स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी अत्यंत खतरनाक है।
CAQM द्वारा GRAP का चौथा चरण लागू
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने प्रदूषण की बढ़ती समस्या को देखते हुए बिना किसी देरी के GRAP-IV के चौथे चरण को लागू किया है। इसके तहत, निर्माण गतिविधियों पर सख्त रोक, डीजल वाहनों पर प्रतिबंध और गैर-जरूरी औद्योगिक गतिविधियों को सीमित करने जैसे कठोर कदम उठाए गए हैं। सरकार को उम्मीद है कि इन उपायों से प्रदूषण के स्तर में सुधार होगा।
वर्क फ्रॉम होम से ट्रैफिक में कमी
सरकार का मानना है कि आधे कर्मचारियों के घर से काम करने से सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा, जिससे वाहनों से निकलने वाला धुआं भी घटेगा। इसके अलावा, दफ्तरों में भीड़ कम होने से लोगों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि सभी विभाग और कंपनियां इस आदेश का पालन करें।
निर्माण श्रमिकों के लिए आर्थिक सहायता
प्रदूषण-रोधी उपायों के कारण निर्माण कार्यों पर रोक लगने से हजारों श्रमिकों की आजीविका प्रभावित हुई है। इसे ध्यान में रखते हुए, दिल्ली सरकार ने पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है। यह राशि उन श्रमिकों को दी जाएगी जो काम न कर पाने के कारण आय से वंचित हो गए हैं।
स्वास्थ्य पर बढ़ती चिंताएं
डॉक्टरों का कहना है कि मौजूदा प्रदूषण स्तर से सांस की बीमारियों, आंखों में जलन, सिरदर्द और हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ गया है। विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार व्यक्तियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। लोगों से अनुरोध किया गया है कि जब तक आवश्यक न हो, घर से बाहर न निकलें।
भविष्य में सख्त कदम उठाने की संभावना
सरकार और पर्यावरण एजेंसियों का कहना है कि यदि हालात में जल्द सुधार नहीं हुआ, तो और भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं। फिलहाल प्रशासन की प्राथमिकता लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करना और प्रदूषण के स्तर को कम करना है। आने वाले दिनों में मौसम और हवा की दिशा पर भी स्थिति निर्भर करेगी।