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दिल्ली में प्रदूषण पर आम आदमी पार्टी का अनोखा प्रदर्शन: सेंटा क्लॉज बने प्रतीक

दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने प्रदूषण के खिलाफ एक अनोखा प्रदर्शन किया, जिसमें सेंटा क्लॉज को प्रदूषण के कारण बीमार दिखाया गया। पार्टी के नेताओं ने सरकार की नाकामी को उजागर करते हुए कहा कि दिल्ली की हवा की स्थिति चिंताजनक है। सौरभ भारद्वाज ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए ठोस कदम उठाने की मांग की। सेंटा क्लॉज का किरदार निभाने वाले व्यक्ति ने भी प्रदूषण के प्रभावों पर चिंता जताई। जानें इस अनोखे प्रदर्शन के बारे में और क्या संदेश दिया गया।
 

दिल्ली की जहरीली हवा पर आम आदमी पार्टी का अनोखा विरोध


दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने एक अनोखे तरीके से भाजपा सरकार पर निशाना साधा। कनॉट प्लेस में बच्चों को टॉफी और चॉकलेट बांटने आए सेंटा क्लॉज को प्रदूषण के कारण बीमार दिखाया गया। इस मौके पर पार्टी के कई नेता, जैसे सौरभ भारद्वाज और विधायक संजीव झा, उपस्थित थे।


सरकार की नाकामी को उजागर करते हुए

पार्टी के नेताओं ने इस प्रतीकात्मक विरोध के माध्यम से राजधानी की बिगड़ती वायु गुणवत्ता पर सरकार की विफलता को उजागर करने का प्रयास किया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब सेंटा क्लॉज दिल्ली पहुंचे, तो खराब हवा ने उन्हें बीमार कर दिया। उन्होंने मजाक में कहा कि जब सेंटा को दिल्ली का एक्यूआई दिखाया गया, तो वह बेहोश हो गए और मजबूरन मास्क पहनकर बच्चों को टॉफियां बांटनी पड़ीं।


भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप

सौरभ भारद्वाज ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि दिल्ली की हवा की स्थिति की तरह ही उनका प्रशासन भी 'वेरी पुअर' है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी भाजपा से मांग करती है कि केवल आंकड़ों में हेरफेर करने के बजाय प्रदूषण को कम करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि जनता ने भाजपा को एक मौका दिया था, लेकिन सरकार हर मोर्चे पर असफल साबित हो रही है।


सेंटा क्लॉज का किरदार निभाने वाले व्यक्ति की चिंता

सेंटा क्लॉज का किरदार निभाने वाले व्यक्ति ने भी प्रदूषण के प्रति चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मास्क पहनने के बावजूद सांस लेने में कठिनाई हो रही है। प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि दिल्ली का एक बच्चा प्रतिदिन लगभग 15 सिगरेट के बराबर जहरीली हवा का सेवन कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हालात नहीं सुधरे, तो आने वाली पीढ़ियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।