दिल्ली में राउज एवेन्यू कोर्ट में पूर्व सांसदों और विधायकों के खिलाफ पॉक्सो मामलों की सुनवाई
एलजी ने विशेष अदालतों के दायरे को बढ़ाने की दी मंजूरी
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पूर्व सांसदों और विधायकों के खिलाफ सीपीसीआर और पॉक्सो अधिनियम के तहत मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के दायरे को बढ़ाने की अनुमति दी है। राउज एवेन्यू में स्थित ये अदालतें अब पूर्व जनप्रतिनिधियों के मामलों की सुनवाई भी करेंगी। यह प्रस्ताव दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रस्तुत किया गया था, जिसका उद्देश्य बच्चों के खिलाफ अपराधों के मामलों का त्वरित निपटारा करना है।
बाल अधिकार संरक्षण के लिए विशेष अदालतें
यह निर्णय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम और पॉक्सो अधिनियम के अंतर्गत आता है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुवाई में भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकृति दी है, जिससे राउज एवेन्यू की विशेष अदालतों का दायरा बढ़ गया है।
राज निवास के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है। एक अधिकारी ने बताया कि यह अधिसूचना 2020 में दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद आई थी, लेकिन आप सरकार ने इसे लागू करने में तीन साल की देरी की।
पॉक्सो अधिनियम का महत्व
यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम, 2012 एक महत्वपूर्ण भारतीय कानून है, जो 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और बाल पोर्नोग्राफी से बचाने के लिए बनाया गया है। यह कानून अपराधियों के लिए दंड, बच्चों के अनुकूल रिपोर्टिंग और साक्ष्य दर्ज करने की प्रक्रिया, और पीड़ितों को सहायता, मुआवजा, और विशेष न्यायालयों के माध्यम से त्वरित सुनवाई की व्यवस्था प्रदान करता है।
विशेष न्यायालयों की सूची
- विशेष न्यायाधीश (पीसी अधिनियम) (सीबीआई) का न्यायालय – 09, राउज एवेन्यू, न्यायालय परिसर
- विशेष न्यायाधीश (पीसी अधिनियम) (सीबीआई) का न्यायालय – 23, राउज एवेन्यू, न्यायालय परिसर
- विशेष न्यायाधीश (पीसी अधिनियम) (सीबीआई) का न्यायालय – 24, राउज एवेन्यू, न्यायालय परिसर
- ये तीन अदालतें बच्चों के खिलाफ अपराधों, बाल अधिकारों के उल्लंघन और पॉक्सो अधिनियम के तहत अपराधों की सुनवाई के लिए पहले से अधिसूचित आठ अदालतों के अतिरिक्त हैं।