नैनीताल में मूसलधार बारिश से जनजीवन प्रभावित, स्कूलों में छुट्टी
नैनीताल में भारी बारिश का असर
नैनीताल में मूसलधार बारिश: उत्तराखंड के नैनीताल में पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। कई क्षेत्रों में सड़कें बंद हो गई हैं और जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है। भारी बारिश के कारण नदियों और नालों में तेज बहाव देखा जा रहा है, जिससे भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। इस प्राकृतिक आपदा को देखते हुए जिला प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सोमवार, 4 अगस्त को जिले के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी की घोषणा की है।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 4 अगस्त को नैनीताल समेत उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग ने ‘रेड अलर्ट’ जारी करते हुए लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। मौसम विभाग की इस चेतावनी के मद्देनजर, जिला प्रशासन ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए आवश्यक कदम उठाए हैं।
जिला प्रशासन का निर्णय
जिला प्रशासन का बड़ा फैसला: जिलाधिकारी वंदना ने जानकारी दी कि संभावित आपदा जोखिमों जैसे भूस्खलन, सड़क अवरोध, जलभराव और नदियों में तेज बहाव को ध्यान में रखते हुए, जनपद नैनीताल में सभी सरकारी, गैर-सरकारी और निजी विद्यालयों (कक्षा 1 से 12 तक) एवं सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में 4 अगस्त 2025 (सोमवार) को एक दिवसीय अवकाश रहेगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सभी संबंधित शैक्षणिक और प्रशासनिक अधिकारी अपने-अपने कार्यालयों में आवश्यकतानुसार उपस्थित रहें ताकि आपदा की स्थिति में त्वरित समन्वय और कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
आपदा की स्थिति में सावधानी
आपदा की स्थिति में क्या करें? जिलाधिकारी ने आम जनता से अपील की है कि वे बारिश के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें। किसी भी आपात स्थिति में जिला आपदा नियंत्रण कक्ष से संपर्क करने के लिए टेलीफोन नंबर 05942-231178, 231179 या टॉल-फ्री नंबर 1077 पर सूचना दी जा सकती है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करने का आग्रह किया है।
सुरक्षा और सतर्कता की आवश्यकता
सुरक्षा और सतर्कता जरूरी: नैनीताल जिले में बारिश के कारण उत्पन्न चुनौतियों को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। लोगों से अनुरोध है कि वे नदी-नालों के किनारे न जाएं और भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों से दूरी बनाए रखें। जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।