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नोएडा प्राधिकरण ने बिल्डरों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया

नोएडा प्राधिकरण ने बकाएदार बिल्डरों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। तीन प्रमुख आवंटियों पर बकाया राशि का भुगतान न करने के चलते कार्रवाई की जा रही है। महागुन रियल एस्टेट और प्रतीक रियल्टर्स जैसे बिल्डरों पर करोड़ों रुपये का बकाया है। प्राधिकरण ने वसूली के लिए निर्देश जारी किए हैं, जिससे इन बिल्डरों पर दबाव बढ़ेगा। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और प्राधिकरण की कार्रवाई के बारे में।
 

बकाएदार बिल्डरों पर कार्रवाई की तैयारी

नोएडा प्राधिकरण ने बकाएदार बिल्डरों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। हाल ही में, प्राधिकरण ने आवासीय प्लॉट के तीन प्रमुख आवंटियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। बकाया राशि का भुगतान न करने पर, प्राधिकरण ने भू-राजस्व की तरह वसूली के निर्देश जारी किए हैं। सीईओ लोकेश एम अब बकाएदारों के प्रति सख्ती से पेश आने का मन बना चुके हैं।


नोटिस जारी करने के बावजूद बकाया राशि का भुगतान नहीं

ग्रुप हाउसिंग प्लॉट संख्या जीएच-2, सेक्टर-78, महागुन रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को 18 अप्रैल 2010 को आवंटित किया गया था। 18 मई 2010 को लीज डीड के माध्यम से भूमि का कब्जा दिया गया। बिल्डर को बकाया राशि चुकाने के लिए कई नोटिस जारी किए गए, लेकिन कोई भुगतान नहीं किया गया। इसके अलावा, कोविड-19 के तहत 21 दिसंबर 2023 को लाभ दिया गया था, जिसमें कुल बकाया राशि का 25 प्रतिशत जमा करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन यह राशि भी जमा नहीं की गई। आवंटी पर 31 अगस्त तक 116.96 करोड़ रुपये का बकाया है।


सरकारी आदेश का लाभ उठाने के बावजूद बकाया

ग्रुप हाउसिंग प्लॉट संख्या GH-1, सेक्टर-77, मेसर्स प्रतीक रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड को 31 मार्च 2010 को आवंटित किया गया था। 26 मई 2010 को लीज डीड के माध्यम से जमीन सौंप दी गई। कोविड-19 के तहत लाभ मिलने के बावजूद, बिल्डर पर 31 अगस्त 2025 तक कुल 162.27 करोड़ रुपये का बकाया हो गया है। इस मामले में वसूली के लिए डीएम गौतमबुद्ध नगर को पत्र भेजा गया है।


74.18 करोड़ रुपये का बकाया

ग्रुप हाउसिंग प्लॉट संख्या जीएच-1, सेक्टर-120, प्रतीक रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड को 10 दिसंबर 2009 को आवंटित किया गया था। 7 जनवरी 2010 को लीज डीड के माध्यम से जमीन आवंटित की गई थी। आवंटियों को बकाया राशि चुकाने के लिए नोटिस जारी किए गए थे। शासनादेश के तहत कोविड-19 का लाभ दिया गया था, जिसमें कुल बकाया राशि का 25 प्रतिशत जमा करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन यह राशि भी जमा नहीं की गई। इस पर कुल 74.18 करोड़ रुपये का बकाया है। आरसी के लिए पत्र भेजा गया था।