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पंजाब में टोल प्लाजा बंद: मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जनता को दी बड़ी राहत

पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में 19 टोल प्लाजा बंद कर आम जनता को बड़ी राहत दी है। इस निर्णय से प्रतिदिन लगभग ₹65 लाख की बचत हो रही है, जो सालाना ₹225 करोड़ में तब्दील होती है। यह कदम पूर्व सरकारों की नीतियों के विपरीत है और दर्शाता है कि सरकार आम जनता के हितों को प्राथमिकता देती है। इस लेख में जानें कि कैसे यह निर्णय पंजाब के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रहा है।
 

पंजाब में ऐतिहासिक कदम


चंडीगढ़: पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी निर्णय लिया है, जिसने आम जनता को सीधी राहत प्रदान की है। मार्च 2022 से अब तक, राज्य सरकार ने पंजाब की सड़कों पर चल रही 'खुली लूट' को समाप्त करते हुए 19 टोल प्लाजा को सफलतापूर्वक बंद कर दिया है। यह निर्णय केवल एक प्रशासनिक कदम नहीं है, बल्कि यह आम लोगों पर पड़ने वाले अनावश्यक वित्तीय बोझ को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इन 19 टोल प्लाजों के बंद होने से पंजाब के लाखों यात्रियों को प्रतिदिन लगभग ₹65 लाख की बचत हो रही है, जो सालाना ₹225 करोड़ के भारी आंकड़े में बदल जाती है। यह मुख्यमंत्री मान की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें उन्होंने पंजाब के लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त और जन-समर्पित शासन देने का वादा किया था.


टोल प्लाजा का बंद होना

पंजाब सरकार का यह कदम पूर्व सरकारों की नीतियों के विपरीत है, जहां टोल कंपनियों को अक्सर संरक्षण दिया जाता था। मान सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जो कंपनियां अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करेंगी, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इन 19 टोल प्लाजा में से कई को इसलिए बंद किया गया क्योंकि उनका अनुबंध समाप्त हो गया था और सरकार ने उन्हें कोई विस्तार देने से इनकार कर दिया। यह निर्णय इस बात का प्रमाण है कि वर्तमान पंजाब सरकार कॉरपोरेट मुनाफे की जगह आम जनता के हितों को प्राथमिकता देती है और जवाबदेही सुनिश्चित करने में संकोच नहीं करती.


लूट का दौर समाप्त

इस बड़े बदलाव की शुरुआत 2022 में हुई थी, जब सरकार ने संकेत दिया कि अब 'लूट का दौर' खत्म हो गया है। 4 सितंबर 2022 को संगरूर-लुधियाना रोड पर लड्डा और अहमदगढ़ टोल प्लाजा को बंद कर दिया गया। ऑपरेटर ने कोविड और किसान आंदोलन का हवाला देकर ₹50 करोड़ का मुआवजा मांगा, जिसे मुख्यमंत्री ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह एक वैश्विक आपदा थी। इसके बाद, 15 दिसंबर 2022 को होशियारपुर-टांडा रोड पर लछोवाल टोल प्लाजा को बंद करना एक बड़ा कदम था। यहाँ सरकार ने न केवल विस्तार देने से इनकार किया, बल्कि अनुबंध के उल्लंघन के आरोप में कंपनी के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई.


जनता के हित में कार्रवाई

2023 में इस मिशन में तेजी आई। 1 अप्रैल 2023 को कीरतपुर साहिब-नंगल-ऊना रोड पर नक्कियां टोल प्लाजा को बंद करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ऐलान किया कि 'राज्य में सड़कों पर किराए का युग समाप्त हो गया है'। उन्होंने बताया कि ऑपरेटर ने सड़क पर बिटुमेन की दूसरी परत बिछाने में 1,093 दिनों की देरी की थी। इसके बाद पटियाला में समाना-पत्रान रोड और अन्य स्थानों पर भी टोल बंद किए गए, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि सरकार हर उस कंपनी का हिसाब कर रही है जिसने जनता को लूटा है.


पंजाब में टोल प्लाजा बंद होने के लाभ

पंजाब सरकार की यह कार्रवाई पिछली सरकारों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है। 5 जुलाई 2023 को मोगा-कोटकुपूरा रोड पर सिंघावाला टोल प्लाजा को बंद करते हुए मुख्यमंत्री मान ने बताया कि इस कंपनी पर ₹3.89 करोड़ का जुर्माना था। इसका मतलब है कि इस टोल प्लाजा को 2019 में ही बंद किया जा सकता था, लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार ने कथित तौर पर ऑपरेटर को 'संरक्षण' दिया। यह अभियान 2024 और 2025 में भी जारी रहेगा, जिससे टोल-मुक्त सड़कों की संख्या बढ़ेगी.


सालाना 225 करोड़ की बचत

पंजाब सरकार द्वारा 19 टोल प्लाजा को बंद करने का यह निर्णय राज्य में एक नए, पारदर्शी और जन-समर्पित शासन का प्रतीक है। यह साबित करता है कि अगर सरकार के पास राजनीतिक इच्छाशक्ति हो, तो आम जनता को लूटने वाले 'टोल माफिया' को समाप्त किया जा सकता है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार ने यह दिखा दिया है कि वह अपने वादों को पूरा करने और पंजाब के लोगों के पैसे की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह कदम पंजाब के इतिहास में आम आदमी की सबसे बड़ी जीतों में से एक के रूप में याद किया जाएगा.