×

पंजाब में नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई: युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल

पंजाब सरकार ने 'युद्ध नशों विरुद्ध' अभियान के तहत नशा तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में, 38,687 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है और 10 दिन का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य नशा छोड़ने वाले युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। यह पहल न केवल नशे के दुष्चक्र को समाप्त करने में मदद करेगी, बल्कि युवाओं को सम्मान के साथ समाज में लौटने का अवसर भी प्रदान करेगी। जानें इस पहल के बारे में और कैसे यह पंजाब के भविष्य को सुरक्षित कर रही है।
 

पंजाब: नशे के खिलाफ एक नई शुरुआत


पंजाब: जो युवा कभी नशे के आदी थे, आज वे पंजाब के उज्ज्वल भविष्य के निर्माता बनने के लिए तैयार हैं। यह कोई कल्पना नहीं, बल्कि पंजाब सरकार के महत्वाकांक्षी अभियान 'युद्ध नशों विरुद्ध' की वास्तविकता है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने न केवल नशा तस्करों पर कड़ी कार्रवाई की है, बल्कि नशा छोड़ने वाले युवाओं के लिए सम्मान और स्वरोजगार के अवसर भी प्रदान किए हैं।


सीएम मान के सख्त निर्देश

पंजाब में नशा बेचने वालों के लिए बुरा समय आ गया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के सख्त निर्देशों के तहत, राज्य में नशों के खिलाफ चल रही निर्णायक लड़ाई 'युद्ध नशों विरुद्ध' ने 9 महीने पूरे कर लिए हैं और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। 1 मार्च 2025 से अब तक, पंजाब पुलिस ने 26,256 मामले दर्ज किए हैं और 38,687 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है।


इस दौरान, 1714 किलोग्राम से अधिक हेरोइन सहित कई नशीले पदार्थ जब्त किए गए हैं। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि सरकार नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर कायम है और नशे के जाल को समाप्त करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।


विशेष 10 दिन का कार्यक्रम

कड़ी कार्रवाई के साथ, सरकार सुधार और रोजगार को जोड़कर एक दोहरी रणनीति पर काम कर रही है। इसी क्रम में, लुधियाना के जिला प्रशासन ने डेयरी विकास और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से, जगरांव के सरकारी पुनर्वास केंद्र में 10 दिन का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। इस पहल का उद्देश्य नशा छोड़ने वाले युवाओं को स्थायी आय के अवसर प्रदान करना है ताकि वे आर्थिक तंगी के कारण फिर से नशे की ओर न लौटें।


उपायुक्त हिमांशु जैन ने इस पहल को समग्र सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा, “हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि जो भी व्यक्ति नशे से बाहर आया है, वह गरीबी या रोजगार की कमी के कारण फिर से नशे की ओर न लौटे।” इसी सोच के साथ, डेयरी विकास विभाग के उप निदेशक सुरिंदर सिंह ने उद्घाटन के दिन युवाओं को डेयरी फार्मिंग और इससे जुड़े कार्यों की व्यावहारिक ट्रेनिंग दी।


हुनर सिखने का अवसर

अधिकारियों का मानना है कि ये प्रशिक्षण ठीक हो रहे लोगों को अपना व्यवसाय शुरू करने और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने में मदद करेंगे, जिससे उनका सुधार स्थायी हो सके। प्रशिक्षण के बाद, योग्य व्यक्तियों को छोटी डेयरी यूनिट स्थापित करने के लिए सरकारी योजनाओं के तहत बैंक से ऋण और वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी। यह पहल सिविल सर्जन डॉ. रमनदीप कौर, लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर गुरदेव सिंह कंग, और केंद्र प्रभारी डॉ. विवेक गोयल जैसे प्रमुख अधिकारियों की देखरेख में चल रही है।


पंजाब सरकार का मानना है कि हुनर सिखाने से सुधार को एक नया अवसर मिल सकता है। यह कार्यक्रम केवल कौशल सिखाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह युवाओं को आत्मविश्वास भी प्रदान करता है, जिससे वे समाज की मुख्यधारा में लौट सकें। जब उनके पास स्थायी रोजगार होता है, तो उन्हें किसी भी मजबूरी या लत की ओर लौटने की आवश्यकता नहीं होती। इस प्रकार, यह पहल न केवल उनके जीवन को सुधारती है, बल्कि नशे के दुष्चक्र को भी समाप्त करती है, और उन्हें एक नई पहचान देती है।


सरकार की नशा मुक्त करने की पहल

मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में, पंजाब सरकार ने यह साबित किया है कि वह नशे के खिलाफ दृढ़ संकल्पित है। सरकार ने न केवल नशा बेचने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं, बल्कि उन युवाओं के प्रति भी संवेदनशीलता दिखाई है जो नशे की चपेट में आ गए थे। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों को सुरक्षित भविष्य प्रदान करे, और इसी जिम्मेदारी को समझते हुए, उसने नशे से बचाने के लिए एक निर्णायक लड़ाई लड़ी है और उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने के लिए बेहतरीन अवसर दिए हैं।


जब सरकार नशे के कारोबारियों पर कड़ा एक्शन लेती है (जैसे कि 38 हजार से अधिक तस्करों को पकड़ा गया है) और साथ ही, युवाओं को हुनर सिखाकर, काम देकर और इज्जत की जिंदगी देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाती है, तो यह पूरे समाज के लिए एक सकारात्मक कदम है। यह प्रयास केवल एक समस्या को समाप्त करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पंजाब को फिर से एक खुशहाल और समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में एक मजबूत शुरुआत है।