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पंजाब में बाढ़ के बाद पशुओं की सुरक्षा के लिए सरकार की नई पहल

पंजाब में बाढ़ के बाद पशुओं की सुरक्षा के लिए सरकार ने एक व्यापक अभियान शुरू किया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में, राहत कार्यों में तेजी लाई गई है। 24x7 कंट्रोल रूम, पशु चिकित्सा सेवाएं, और पोषण पर ध्यान देने के साथ, सरकार ने हर गांव में सहायता पहुंचाने का संकल्प लिया है। जानें इस अभियान की विशेषताएं और कैसे यह पंजाब के लोगों में विश्वास जगा रहा है।
 

पंजाब में बाढ़ के बाद राहत कार्यों की गति

पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ का पानी अब घट चुका है, लेकिन पशुओं को बीमारियों से बचाने और पशुपालकों की सहायता के लिए राज्य सरकार ने एक व्यापक अभियान की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में, सरकार मिशन मोड में काम कर रही है ताकि हर गांव, किसान और पशुपालक तक सहायता पहुंच सके। राहत और पुनर्वास कार्यों में किसी भी प्रकार की ढिलाई न हो, इसके लिए सरकार ने कड़े इंतजाम किए हैं।


24x7 सहायता और पशु चिकित्सा सेवाएं

हर जिले में 24x7 कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, जो पशुपालकों को त्वरित सहायता प्रदान कर रहे हैं। पहली बार, किसान मोबाइल के माध्यम से सरकारी पशु चिकित्सकों से सीधे सलाह ले सकते हैं। पशु चिकित्सकों की टीमें गांवों में जाकर पशुओं की जांच, इलाज और मुफ्त दवाइयां उपलब्ध करा रही हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, "यह फर्क है अन्य सरकारों और 'आम आदमी पार्टी की सरकार' में, जहां हर कार्य किसानों और जनता की भलाई के लिए किया जाता है।" इसके अलावा, मुफ्त टीकाकरण, यूरोमिन लिक, मिनरल मिक्सचर, एंटीबायोटिक्स और सिलाज पैक भी वितरित किए जा रहे हैं।


पशुओं के पोषण और स्वच्छता पर ध्यान

बाढ़ के बाद पशुओं की सेहत पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। स्वच्छ पानी के लिए क्लोरीन की गोलियां बांटी जा रही हैं, और हरा चारा, सूखा फीड और उच्च गुणवत्ता वाला पोषण हर गांव में पहुंचाया जा रहा है। राहत कैंपों के माध्यम से पंचायतें, एनजीओ और सरकारी टीमें मिलकर पशुपालकों को सहायता प्रदान कर रही हैं। सोशल मीडिया पर तीन विशेष वीडियो के जरिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि कोई भी जानकारी से वंचित न रहे।


सख्त निगरानी और व्यापक पहुंच

सरकार ने प्रत्येक जिले से दैनिक प्रगति रिपोर्ट मंगवाने की व्यवस्था की है। एक विशेष मॉनिटरिंग टीम योजनाओं की निगरानी कर रही है, ताकि राहत कार्य केवल कागजों तक सीमित न रहें। यह अभियान सिर्फ उन 2300 गांवों तक सीमित नहीं है, जहां बाढ़ का प्रभाव था, बल्कि जहां भी जरूरत है, वहां मदद पहुंचाई जा रही है।


पंजाब का नया जोश

मुख्यमंत्री भगवंत मान स्वयं राहत कार्यों की अगुवाई कर रहे हैं। उनके साथ मंत्री, विधायक और अधिकारी भी मैदान में सक्रिय हैं। "पंजाब फिर खड़ा हो रहा है, क्योंकि सरकार खुद आगे बढ़कर काम कर रही है," एक सरकारी अधिकारी ने कहा। यह अभियान न केवल पशुओं की रक्षा कर रहा है, बल्कि पंजाब के लोगों में विश्वास भी जगा रहा है।