पंजाब में बाढ़ राहत पर मुख्यमंत्री भगवंत मान का केंद्र पर तीखा हमला
मुख्यमंत्री का केंद्र पर आरोप
पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ राहत के मुद्दे पर केंद्र सरकार को कठोर शब्दों में घेरा। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य अपनी हक की मांग कर रहा है, भीख नहीं। मान ने पिछले 25 वर्षों के राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) के आंकड़ों को पेश करते हुए केंद्र के दावों को पूरी तरह से खारिज किया। उन्होंने कहा कि केंद्र का यह दावा कि SDRF में ₹12,000 करोड़ पड़े हैं, पूरी तरह से भ्रामक और तथ्यहीन है.
पंजाब को मिले SDRF के आंकड़े
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले 25 वर्षों में, अकाली-भाजपा गठबंधन और कांग्रेस सरकारों के दौरान पंजाब को SDRF के तहत केवल ₹6,190 करोड़ प्राप्त हुए हैं। इनमें से अधिकांश राशि पहले ही बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि और अन्य प्राकृतिक आपदाओं में खर्च हो चुकी है। वर्तमान में SDRF में लगभग ₹1,200 करोड़ शेष हैं, जो हाल की विनाशकारी बाढ़ के लिए अपर्याप्त है.
बाढ़ का व्यापक प्रभाव
अगस्त 2025 में आई बाढ़ ने पंजाब के लगभग 1,400 गांवों को प्रभावित किया और चार लाख से अधिक लोगों की जिंदगी पर असर डाला। प्रमुख कृषि क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ, जिसमें हजारों एकड़ फसलें नष्ट हो गईं, जैसे कि गेहूं, सरसों और अन्य रबी फसलें। किसान संगठनों के अनुसार, लगभग 75,000 किसान परिवार पूरी तरह प्रभावित हुए हैं और उन्हें तत्काल राहत की आवश्यकता है.
राज्य सरकार का नुकसान का आकलन
राज्य सरकार के प्रारंभिक आकलन के अनुसार, बाढ़ से कुल नुकसान का अनुमान ₹13,800 करोड़ है, जिसमें कृषि, बुनियादी ढांचे, सड़कों और पुलों की क्षति शामिल है। हालांकि, राज्य सरकार का मानना है कि वास्तविक नुकसान इससे अधिक हो सकता है, क्योंकि कई दूरदराज क्षेत्रों में सर्वेक्षण का काम अभी जारी है। इस स्थिति को देखते हुए, पंजाब सरकार ने केंद्र से ₹20,000 करोड़ का विशेष राहत पैकेज मांगा है.
केंद्र की प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार ने अब तक केवल ₹1,600 करोड़ की स्वीकृति दी है, जिसे राज्य सरकार और विपक्षी दल 'समुंदर में बूंद' करार दे चुके हैं। केंद्र ने यह भी सुझाव दिया कि राज्य SDRF में पड़े ₹12,000 करोड़ के फंड का उपयोग करे। इस पर मुख्यमंत्री मान ने कहा कि यह दावा 'फ़िज़ूल कल्पना' और 'अंकों की बाज़ीगरी' है. उन्होंने SDRF का पूरा हिसाब पारदर्शी तरीके से जनता के सामने रखा और कहा कि कोई भी इसे जांच सकता है.
राज्य सरकार की तत्परता
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि हम केंद्र से भीख नहीं मांग रहे, बल्कि अपने हक की मांग कर रहे हैं। GST के तहत राज्य का ₹50,000 करोड़ रुका हुआ है और ग्रामीण विकास योजनाओं के लिए ₹8,000 करोड़ अटका पड़ा है। आपदा के समय राज्य को उचित मदद न देना और भ्रामक आंकड़े पेश करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने केंद्र से अपील की कि आपदा प्रबंधन जैसे संवेदनशील मामले में राजनीति को बीच में न लाया जाए.
राहत कार्यों में सक्रियता
राज्य सरकार राहत कार्यों में पूरी तत्परता दिखा रही है। प्रभावित किसानों को तुरंत सहायता देने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद प्रदान की जा रही है। हालांकि, इतनी व्यापक आपदा से निपटने के लिए केंद्र की पर्याप्त मदद आवश्यक है। पंजाब सरकार ने केंद्र से एक बार फिर ₹20,000 करोड़ के राहत पैकेज की तत्काल मंजूरी देने की अपील की है.