×

पंजाब में मानसिक स्वास्थ्य के लिए ऐतिहासिक पहल: मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लॉन्च की फेलोशिप

पंजाब ने मानसिक स्वास्थ्य और नशा निवारण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने देश की पहली सरकारी लीडरशिप इन मेंटल हेल्थ फेलोशिप का उद्घाटन किया है, जिसका उद्देश्य युवाओं और परिवारों को नशे और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े संकटों से सुरक्षित रखना है। यह फेलोशिप दो साल की होगी और 35 युवा विशेषज्ञों का चयन किया जाएगा। आवेदन 7 दिसंबर तक खुले रहेंगे। जानें इस पहल के बारे में और कैसे यह पंजाब के भविष्य को प्रभावित कर सकती है।
 

पंजाब की नई पहल


पंजाब ने मानसिक स्वास्थ्य और नशा निवारण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने देश की पहली सरकारी लीडरशिप इन मेंटल हेल्थ फेलोशिप का उद्घाटन किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य युवाओं और परिवारों को नशे और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं से बचाना है। यह फेलोशिप दो साल की अवधि के लिए होगी और इसे पूरे भारत के लिए एक उदाहरण के रूप में विकसित किया जाएगा।


युवाओं के लिए अवसर

यह पहल एम्स मोहाली और टीआईएसएस मुंबई के सहयोग से शुरू की गई है और इसका प्रभाव पंजाब के 23 जिलों तक फैलेगा। यह नशा-निवारण, उपचार और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को एकीकृत करके नई दिशा प्रदान करेगा। सरकार इस कार्यक्रम के तहत 35 युवा विशेषज्ञों का चयन कर रही है, जिनके पास मनोविज्ञान या सामाजिक कार्य में शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य का अनुभव है। ये फेलो अपने-अपने जिलों में गांवों, शहरों, स्कूलों, कॉलेजों, सामुदायिक केंद्रों और पुनर्वास केंद्रों में इस मॉडल को लागू करेंगे।


मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण

मुख्यमंत्री भगवंत मान का मानना है कि नशे के खिलाफ लड़ाई केवल प्रशासन या पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज के मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने की भी आवश्यकता है। इसी दृष्टिकोण के तहत, फेलो को टीआईएसएस मुंबई से विशेष प्रशिक्षण, मेंटरशिप और नेतृत्व कौशल सिखाया जाएगा। इसके अलावा, फेलो को हर महीने 60,000 रुपये का सम्मानजनक वेतन दिया जाएगा, ताकि वे बिना किसी आर्थिक दबाव के युवाओं और परिवारों के साथ काम कर सकें।


आवेदन की प्रक्रिया

इस पहल का उद्देश्य पंजाब में नशे की बढ़ती समस्या को रोकना और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर पर प्रभावी बनाना है। मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि जब सरकार की नीयत स्पष्ट हो और लक्ष्य जनता की भलाई हो, तो केवल नारे नहीं बल्कि वास्तविक बदलाव संभव है।


फेलोशिप के लिए आवेदन 7 दिसंबर तक स्वीकार किए जाएंगे। इच्छुक उम्मीदवार अधिक जानकारी के लिए टीआईएसएस की वेबसाइट (https://tiss.ac.in/lmhp) पर जा सकते हैं। यह कार्यक्रम केवल एक फेलोशिप नहीं है, बल्कि पंजाब के भविष्य में निवेश है।


इसका उद्देश्य हर घर को सुरक्षित बनाना, हर युवा को स्वस्थ रखना और माता-पिता को नशे के डर से मुक्त करना है। यह वही पंजाब है जिसकी कल्पना मुख्यमंत्री भगवंत मान ने की थी, और यह अब धीरे-धीरे वास्तविकता बन रही है।


इस प्रकार, यह पहल न केवल मानसिक स्वास्थ्य और नशा-निवारण के क्षेत्र में बदलाव लाएगी, बल्कि पूरे देश के लिए एक मॉडल भी प्रस्तुत करेगी, जिसे अन्य राज्य अपने अनुभव से अपना सकते हैं।