पंजाब में शिक्षकों को मिली राहत: 93 शिक्षकों का लंबित वेतन अब मिलेगा
पंजाब में शिक्षकों के लिए राहत की खबर
पंजाब में लंबे समय से वेतन की समस्या का सामना कर रहे शिक्षकों के लिए एक सकारात्मक विकास हुआ है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सरकारी कॉलेजों में कार्यरत 93 शिक्षकों को पिछले 36 महीनों से रुके हुए वेतन का भुगतान करने का निर्णय लिया है। इसमें बाबा हीरा सिंह भट्टल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सहित कई अन्य संस्थान शामिल हैं।
वेतन न मिलने से हुई आत्महत्या की घटना
यह निर्णय तब और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब एक शिक्षक ने वेतन न मिलने के कारण आत्महत्या कर ली थी। मुख्यमंत्री ने इस घटना के बाद प्रभावित शिक्षकों और मृतक शिक्षक के परिवार से विशेष बैठक में चर्चा की। बैठक में उपस्थित दो छोटे बच्चे भावुक क्षणों का हिस्सा बने, जिन्होंने अपने पिता को आर्थिक संकट और बढ़ते कर्ज़ के कारण खो दिया।
मुख्यमंत्री ने परिवार को सांत्वना देते हुए आश्वासन दिया कि सरकार उनका पूरा समर्थन करेगी और ऐसी स्थिति दोबारा नहीं होने दी जाएगी। जानकारी के अनुसार, पिछले शासन के दौरान इन 93 शिक्षकों का वेतन तीन साल तक रुका रहा, जिससे कई परिवार आर्थिक संकट में फंस गए थे। कई शिक्षकों को बच्चों की फीस, चिकित्सा और दैनिक खर्चों के लिए कर्ज़ लेना पड़ा। लगातार अनिश्चितता और मानसिक दबाव के कारण उनमें तनाव और अवसाद बढ़ गया। शिक्षक संगठनों ने बार-बार आवाज उठाई, लेकिन तब कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
मुख्यमंत्री का त्वरित हस्तक्षेप
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए कहा कि शिक्षक समाज की नींव होते हैं और उनकी अनदेखी किसी भी सरकार के लिए शर्मनाक है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आम आदमी पार्टी की सरकार का उद्देश्य केवल घोषणाएं करना नहीं, बल्कि उन समस्याओं का समाधान करना है जो सैकड़ों परिवारों को प्रभावित कर रही हैं। सरकार ने वित्त विभाग को बकाया राशि जारी करने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों की प्रतिक्रिया
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रुकी हुई राशि करोड़ों में है, जिसे चरणबद्ध तरीके से जारी किया जाएगा। पहले चरण में उस शिक्षक के परिवार को राशि दी जाएगी, जिसकी मृत्यु ने इस मुद्दे को राज्य भर में चर्चा का विषय बना दिया था। इस फैसले के बाद बैठक में उपस्थित शिक्षक कृतज्ञ नजर आए। कई शिक्षकों ने कहा कि उन्हें वर्षों बाद ऐसा महसूस हुआ है कि सरकार वास्तव में उनकी समस्याओं पर ध्यान दे रही है। शिक्षक संगठनों ने इसे पंजाब सरकार की संवेदनशीलता और प्रशासनिक जिम्मेदारी का उदाहरण बताया है।
शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने वाला कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगा, क्योंकि आर्थिक सुरक्षा मिलने पर शिक्षक अपने कार्य में अधिक समर्पित हो पाते हैं। इस पहल ने न केवल 93 शिक्षकों को राहत दी है, बल्कि पूरे राज्य में शिक्षक समुदाय के बीच विश्वास भी बढ़ाया है। यह कदम पंजाब में शिक्षा क्षेत्र को एक नई दिशा देने वाला माना जा रहा है।