पंजाब में स्वच्छता की नई ऊंचाइयाँ: ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में मिली सफलता
पंजाब में स्वच्छता की प्रगति
पंजाब : वर्ष 2025 में पंजाब ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। भारत सरकार के आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण में नगर निगम बठिंडा को स्वच्छ शहर का खिताब मिला है। इसके अलावा, राज्य के कई शहरी स्थानीय निकायों ने कचरा प्रबंधन, जल स्वच्छता और खुले में शौच मुक्त श्रेणियों में भी महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है, जिससे पंजाब की स्वच्छता व्यवस्था को राष्ट्रीय पहचान मिली है।
स्वच्छ सर्वेक्षण में शहरी निकायों का प्रदर्शन
स्वच्छ सर्वेक्षण में शहरी निकायों का बेहतर प्रदर्शन
स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत पंजाब की 25 शहरी स्थानीय निकायों को कूड़ा मुक्त स्टार-1 और एक निकाय को कूड़ा मुक्त स्टार-3 का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा, 46 यूएलबी को वाटर+ प्रमाणन, 53 को ओडीएफ++, 43 को ओडीएफ+ और 22 को ओडीएफ के रूप में मान्यता मिली है। यह उपलब्धि राज्य में स्वच्छता अभियानों के प्रभावी कार्यान्वयन को दर्शाती है।
पुराने कचरे का निपटारा
पुराने कचरे के निपटारे में तेजी
स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री सरदार भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने विरासत ठोस अपशिष्ट के निपटारे पर विशेष ध्यान दिया है। राज्य के 131 यूएलबी क्षेत्रों में लंबे समय से जमा पुराने कचरे का प्रबंधन किया गया है। कुल 84.09 लाख मीट्रिक टन पुराने कचरे में से अब तक 40.78 लाख मीट्रिक टन का निपटान किया जा चुका है। शेष 43.31 लाख मीट्रिक टन कचरे को अप्रैल 2027 तक चरणबद्ध तरीके से निपटाने की योजना बनाई गई है।
ताजा कचरे का प्रबंधन
ताजा कचरा प्रबंधन और प्रोसेसिंग में सुधार
वर्ष 2025 में ताजा ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन को प्राथमिकता दी गई। घर-घर से कचरा संग्रहण, स्रोत पर कचरे का पृथक्करण और वैज्ञानिक प्रोसेसिंग प्रणाली को मजबूत किया गया। राज्य में प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले 4008 टन कचरे में से 3243 टन यानी लगभग 81 प्रतिशत कचरे को खाद निर्माण, बायो-मीथेनाइजेशन और पुनर्चक्रण के माध्यम से प्रोसेस किया जा रहा है। कचरा संग्रहण और परिवहन के लिए हजारों ट्राइसाइकिल और यांत्रिक वाहन तैनात किए गए हैं, जबकि प्रोसेसिंग के लिए बड़ी संख्या में कंपोस्ट पिट और मटीरियल रिकवरी फैसिलिटीज स्थापित की गई हैं।
स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में प्रगति
स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में निरंतर प्रगति
स्मार्ट सिटीज़ मिशन के तहत लुधियाना, अमृतसर, जालंधर और सुल्तानपुर लोधी में कई विकास परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। लुधियाना में अधिकांश परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जबकि कुछ कार्य प्रगति पर हैं। अमृतसर और जालंधर में भी करोड़ों रुपये की परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। सुल्तानपुर लोधी में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत धार्मिक और बुनियादी ढांचे से जुड़े कई कार्यों को गति दी गई है।
शहरी बुनियादी ढांचे में निवेश
शहरी बुनियादी ढांचे में बड़े निवेश
मार्च 2022 के बाद पंजाब सरकार द्वारा पीआईडीबी और नगर निगम फंडों के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर विकास कार्य किए गए हैं। सैकड़ों करोड़ रुपये की लागत से सड़कों, जल आपूर्ति, सीवरेज और अन्य बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाया गया है, जिससे शहरी जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए ई-मोबिलिटी
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ई-मोबिलिटी को बढ़ावा
अमृतसर में वायु प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से ऑटो-रिक्शा पुनर्जीवन योजना के तहत पुराने डीजल ऑटो को इलेक्ट्रिक ऑटो से बदला गया है। इसके साथ ही महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए पिंक ई-ऑटो भी सब्सिडी पर उपलब्ध कराए गए हैं। राज्य के प्रमुख शहरों में ई-बसों की खरीद से सार्वजनिक परिवहन को स्वच्छ और आधुनिक बनाने की दिशा में कदम उठाया गया है।
नागरिक सेवाओं की डोर-स्टेप डिलीवरी
नागरिक सेवाओं की डोर-स्टेप डिलीवरी से बढ़ी सुविधा
स्थानीय सरकार विभाग द्वारा नागरिक सेवाओं की घर-घर डिलीवरी की शुरुआत से आम लोगों को बड़ी राहत मिली है। अब कई नगर निगम सेवाएं बिना कार्यालयों के चक्कर लगाए ही उपलब्ध हो रही हैं, जिससे पारदर्शिता और समय की बचत सुनिश्चित हुई है।
जल और सीवरेज नेटवर्क का डिजिटलीकरण
जल और सीवरेज नेटवर्क का डिजिटलीकरण
राज्य के अमृत कस्बों और सुल्तानपुर लोधी में जल आपूर्ति और सीवरेज नेटवर्क का जीआईएस आधारित डिजिटलीकरण पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा कई अन्य यूएलबी क्षेत्रों के लिए भी मैपिंग कार्य को अंतिम रूप दिया गया है। केंद्र सरकार की विशेष सहायता योजना के तहत प्राप्त प्रोत्साहन राशि से इन परियोजनाओं को गति मिली है।