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पंजाब सरकार का ऐतिहासिक कदम: BBMB के लिए स्वतंत्र कैडर का गठन

पंजाब सरकार ने युवाओं के हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसमें भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के लिए एक स्वतंत्र कैडर का गठन किया गया है। यह कदम लंबे समय से खाली पड़े पदों को भरने और स्थानीय युवाओं को सरकारी नौकरी के अवसर प्रदान करने के लिए उठाया गया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस निर्णय को पंजाब की प्रतिष्ठा से जोड़ा है, जिससे युवाओं में नई उम्मीद जगी है। जानें इस ऐतिहासिक निर्णय के पीछे की पूरी कहानी।
 

पंजाब में युवाओं के हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण निर्णय


पंजाब सरकार ने राज्य के युवाओं के हितों और अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के लिए एक स्वतंत्र कैडर बनाने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया।


युवाओं में असुरक्षा की भावना का समाधान

यह निर्णय उस समय आया है जब BBMB में पंजाब के हिस्से के कई पद लंबे समय से खाली थे और बाहरी राज्यों के कर्मचारियों की नियुक्ति की जा रही थी। इससे पंजाब के युवाओं में असुरक्षा और रोष की भावना बढ़ रही थी।


बैठक के बाद वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि पहले पंजाब के अधिकारी BBMB में प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाते थे, लेकिन कई बार उनके तबादले रद्द कर दिए जाते थे और उनकी जगह अन्य राज्यों के कर्मचारी नियुक्त किए जाते थे। इस स्थिति ने न केवल पंजाब के अधिकारों का उल्लंघन किया, बल्कि युवाओं के लिए सरकारी नौकरी के अवसर भी कम कर दिए। नए कैडर के गठन से यह सुनिश्चित होगा कि BBMB में पंजाब के हिस्से के सभी पद केवल स्थानीय युवाओं से भरे जाएंगे, जिससे 3,000 से अधिक सरकारी नौकरियों का रास्ता साफ होगा।


रिक्त पदों की संख्या और नए पदों का सृजन

सरकार के अनुसार, BBMB में पंजाब की हिस्सेदारी वाले कुल 3,165 पद वर्षों से रिक्त हैं, जिनमें बिजली निगम (PSPCL), जल संसाधन विभाग और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े महत्वपूर्ण पद शामिल हैं। अब इन सभी पदों को पंजाब सरकार द्वारा सीधे भरा जाएगा, जिससे हजारों युवाओं को स्थायी रोजगार मिलने की संभावना है। इसके साथ ही, कैबिनेट ने BBMB में 2,458 नए पद सृजित करने की भी मंजूरी दी है, जो पावर हाउसों, परियोजनाओं और तकनीकी विभागों के संचालन को मजबूत करेंगे।


पंजाब के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा

यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब पंजाब और BBMB प्रशासन के बीच कई मुद्दों पर विवाद चल रहा था, जैसे हरियाणा के साथ पानी का बंटवारा और भाखड़ा-नंगल परियोजनाओं में CISF की तैनाती। हाल ही में हिमाचल और राजस्थान को स्थायी सदस्यता देने के फैसले पर भी पंजाब ने आपत्ति जताई थी, इसे पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 का उल्लंघन बताया गया। इस पृष्ठभूमि में अलग कैडर का गठन कर राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने संवैधानिक अधिकारों से समझौता नहीं करेगी।


मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस निर्णय को पंजाब की प्रतिष्ठा और युवाओं के भविष्य से जुड़ा कदम बताते हुए कहा कि अब BBMB में पंजाब का कोई भी पद बाहरी राज्य को नहीं दिया जाएगा। उनका कहना था कि यह फैसला उन परिवारों के लिए नई उम्मीद लेकर आएगा, जो वर्षों से सरकारी नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे थे।