पंजाब सरकार का श्रमिकों के हितों की सुरक्षा के लिए नया कदम
पंजाब श्रम कल्याण कोष अधिनियम में संशोधन
पंजाब श्रम कल्याण कोष अधिनियम, 1965 में संशोधन के लिए सहमति
चंडीगढ़: पंजाब की वर्तमान सरकार नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के प्रति गंभीर है। राज्य के लाखों श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इसी दिशा में, मंत्रिमंडल ने पंजाब श्रम कल्याण कोष अधिनियम, 1965 में संशोधन करने का निर्णय लिया है।
अधिनियम के कई प्रावधान अब समय की मांग के अनुसार अप्रचलित हो गए हैं। इसलिए, श्रमिकों के हितों की सुरक्षा के लिए अधिनियम में आवश्यक संशोधन किए जा रहे हैं, जिससे वे सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।
व्यापार सुगमता के लिए नियमों में बदलाव
पंजाब फैक्ट्री नियम, 1952 में संशोधन
मंत्रिमंडल ने व्यापार में आसानी के लिए पंजाब फैक्ट्री नियम, 1952 में कुछ संशोधनों को भी मंजूरी दी है। यह नियम 5 साल के अनुभव वाले किसी भी सिविल या संरचनात्मक इंजीनियर या 2 साल के अनुभव वाले मास्टर डिग्री धारक को फैक्ट्रियों के स्व-प्रमाणीकरण योजनाओं के लिए विभाग द्वारा सत्यापन के अधीन योग्य बनाएगा।
इसके अलावा, महिला कर्मचारियों को मिट्टी के बर्तन और सिरेमिक्स के निर्माण में काम करने की अनुमति दी जाएगी, जो पहले प्रतिबंधित था।
पंजाब वित्तीय नियमों का अद्यतन
वित्तीय नियमों में बदलाव की मंजूरी
मंत्रिमंडल ने पंजाब वित्तीय नियमों के भाग क और भाग-कक को अद्यतन करने की भी स्वीकृति दी है। ये नियम 1984 में बनाए गए थे और तब से वित्त विभाग द्वारा कई बदलाव किए गए हैं। इसलिए, मुकदमेबाजी और भ्रम से बचने के लिए इन्हें नियमों में शामिल करना आवश्यक था।