पंजाब सांसद मीत हेयर ने संसद में उठाए गंभीर मुद्दे, केंद्र से मांगी वित्तीय सहायता
संसद में मीत हेयर का प्रभावी भाषण
पंजाब: आम आदमी पार्टी के सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने संगरूर से संसद में सप्लीमेंट्री मांगों पर चर्चा करते हुए केंद्र सरकार का ध्यान कई महत्वपूर्ण जनहित मुद्दों की ओर खींचा। उन्होंने पंजाब में सामाजिक कल्याण, राहत, खाद्य सुरक्षा और खेल जैसे क्षेत्रों में उपेक्षा का आरोप लगाते हुए ठोस वित्तीय सहायता की मांग की।
आंगनवाड़ी कर्मियों की स्थिति पर चिंता
आंगनवाड़ी कर्मियों की स्थिति पर सवाल
मीत हेयर ने आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों की कार्य परिस्थितियों को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बच्चों के पोषण और प्रारंभिक शिक्षा में इनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन उन्हें बहुत कम मानदेय पर काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि आंगनवाड़ी कर्मियों को स्थायी किया जाए और उनका मानदेय बढ़ाया जाए।
सरकार के विकास दावों पर सवाल
‘विकसित भारत’ के दावे पर तीखा कटाक्ष
मीत हेयर ने सरकार के ‘विकसित भारत’ मॉडल पर सवाल उठाते हुए कहा कि वैश्विक भूख सूचकांक में भारत की स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने बताया कि भारत 123 देशों में 102वें स्थान पर है, जो पोषण और खाद्य सुरक्षा की गंभीर समस्याओं को दर्शाता है।
बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई की मांग
भारी नुकसान की भरपाई की मांग
पंजाब में हाल की भीषण बाढ़ का जिक्र करते हुए मीत हेयर ने कहा कि इस आपदा से राज्य को लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री ने 1600 करोड़ रुपये के बाढ़ राहत पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन यह राशि अभी तक नहीं मिली।
जनगणना न होने से राशन कार्ड संकट
जनगणना न होने से राशन कार्ड संकट
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन कार्डों की कमी का मुद्दा उठाते हुए मीत हेयर ने कहा कि कोविड महामारी के कारण 2021 की जनगणना नहीं हो पाई। उन्होंने बताया कि 2011 की जनगणना के आधार पर पंजाब में लगभग 1.41 करोड़ राशन कार्ड जारी किए गए थे, जबकि जनसंख्या बढ़ने से गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की संख्या भी बढ़ गई है।
खेल अनुदानों में भेदभाव का आरोप
खेल अनुदानों में पंजाब के साथ भेदभाव का आरोप
मीत हेयर ने खेल क्षेत्र में पंजाब के योगदान का उल्लेख करते हुए केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया योजना के तहत पंजाब को नजरअंदाज किया गया है।
खेल प्रदर्शन के आधार पर अनुदान देने की मांग
खेल प्रदर्शन के आधार पर अनुदान देने की मांग
पंजाब की खेल विरासत को रेखांकित करते हुए मीत हेयर ने मांग की कि खेलों में अनुदान राज्यों के वास्तविक खेल प्रदर्शन के आधार पर दिया जाए। उन्होंने चिंता जताई कि 2030 में भारत राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी करने जा रहा है, इसके बावजूद खेल क्षेत्र के लिए सप्लीमेंट्री ग्रांटों में कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है।