पाकिस्तान की नौसेना की स्थिति: ऑपरेशन सिंदूर के बाद का संकट
ऑपरेशन सिंदूर के बाद, पाकिस्तान की नौसेना की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है। खस्ताहाल युद्धपोतों और विफल तकनीक के चलते, पाकिस्तानी नौसेना का मनोबल गिरता जा रहा है। भारतीय नौसेना ने अपने अटैकिंग मोड में आकर पाकिस्तान के समुद्री तत्वों को पूरी तरह से हरा दिया है। जानें इस संकट की जड़ें और पाकिस्तान के बेड़े की खस्ता हालत के बारे में।
Jul 9, 2025, 16:17 IST
पाकिस्तान की नौसेना की दयनीय स्थिति
ऑपरेशन सिंदूर के कुछ हफ्तों बाद, पाकिस्तान की नौसेना अपने समुद्र में पूरी तरह से गायब दिखाई दे रही है। वर्तमान में, यह पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है, जिसमें पुराने युद्धपोत, असफल चीनी तकनीक, कमजोर पनडुब्बी शाखा और गिरते मनोबल की समस्याएं शामिल हैं। जब भारतीय नौसेना ने अटैकिंग मोड में प्रवेश किया और गहरे समुद्र में निगरानी का पूरा नियंत्रण दिखाया, तब पाकिस्तान का नौसैनिक बेड़ा कहीं नजर नहीं आया।
ऑपरेशन सिंदूर के प्रभाव
ऑपरेशन सिंदूर के बाद, क्या पाकिस्तानी नौसेना दहशत में है?
भारत ने 7 मई को पहलगाम आतंकी हमले का प्रतिशोध लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस दौरान, भारतीय सेना ने न केवल हवाई और ज़मीनी हमले किए, बल्कि अरब सागर को भी घेर लिया। भारतीय नौसेना के कैरियर बैटल ग्रुप ने पाकिस्तान के हवाई और समुद्री तत्वों के लिए एक नो-एक्सेस ज़ोन बना दिया। मिग-29K विमानों ने ऊपर से गश्त की, जबकि स्टील्थ फ्रिगेट्स ने रडार साइलेंस लागू किया। कराची बंदरगाह पर नजर रखी जा रही थी, और पाकिस्तानी नौसेना मानो अंडरग्राउंड हो गई हो। ऑपरेशन के दौरान या बाद में, किसी भी लड़ाकू जहाज ने भारत के प्रभुत्व को चुनौती नहीं दी। पाकिस्तान के प्रमुख युद्धपोत हफ्तों से कराची से बाहर नहीं निकले हैं। जब भारत ने अपने मिसाइल परीक्षणों और समुद्र से की गई उड़ानों को सार्वजनिक किया, तब इस्लामाबाद ने तैयारी का दिखावा करने के लिए छेड़छाड़ की गई तस्वीरों का सहारा लिया, जिसमें एक वायरल तस्वीर भी शामिल थी, जो एक मिसाइल लॉन्च दिखा रही थी, जो वास्तव में कभी हुआ ही नहीं।
पाकिस्तान के युद्धपोतों की खस्ता हालत
पाकिस्तान के युद्धपोत खस्ता हाल में पड़े
इस संकट की जड़ पाकिस्तान का पुराना बेड़ा है। उसकी नौसेना की रीढ़ अभी भी 1990 के दशक में प्राप्त ब्रिटिश टाइप-21 फ्रिगेट हैं। ये जहाज अब महंगे रखरखाव की मांग करते हैं और इनके स्पेयर पार्ट्स या तो अनुपलब्ध हैं या पुराने हो चुके हैं। इसके अलावा, 2021 और 2023 के बीच वितरित किए गए नए चीनी टाइप-054A फ्रिगेट भी हैं, जिन्हें पाकिस्तान के नौसैनिक आधुनिकीकरण का प्रतीक माना जाता था। लेकिन वे भी रडार की गड़बड़ियों, प्रणोदन विफलताओं और अन्य खामियों के कारण सूखी गोदी में वापस आ गए हैं। कराची शिपयार्ड, जो पहले से ही बोझ तले दबा हुआ है, के पास इनकी मरम्मत के लिए आवश्यक तकनीकी संसाधनों का अभाव है। चीनी इंजीनियरों को शामिल करने के प्रयास लागत और तकनीकी हस्तांतरण के मुद्दों के कारण रुक गए हैं। नतीजा यह है कि गश्त के लिए बनाए गए जहाज अब घाटों पर खड़े हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से इनमें से कोई भी चीनी फ्रिगेट सक्रिय अभियानों में नहीं रहा है।