×

पानीपत में एंटी स्मॉग गन से वायु गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद

पानीपत नगर निगम ने एंटी स्मॉग गन की खरीदारी की है, जिससे शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है। पहली मशीन काम करना शुरू कर चुकी है, जिससे एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार देखा गया है। ठंडी हवाओं के चलते तापमान में गिरावट आई है, जो किसानों के लिए गेहूं की पहली सिंचाई का सही समय है। जानें इस नई पहल के प्रभाव और मौसम में बदलाव के बारे में।
 

पानीपत नगर निगम की नई पहल

पानीपत नगर निगम ने लगभग 95 लाख रुपये की लागत से दो एंटी स्मॉग गन खरीदने की प्रक्रिया शुरू की है। इनमें से एक मशीन शहर में पहुंचकर काम करना शुरू कर चुकी है। पहले दिन ही हाली पार्क और आसपास की छह सड़कों पर पानी का छिड़काव किया गया, जिससे एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार देखने को मिला। दूसरी मशीन 10 से 15 दिनों में आने की उम्मीद है। इस बीच, ठंडी हवाओं के चलते तापमान में गिरावट आई है, जिससे वातावरण साफ हुआ है और किसानों के लिए गेहूं की पहली सिंचाई का सही समय माना जा रहा है।


एंटी स्मॉग गन: शहर की हवा के लिए नई उम्मीद

नगर निगम ने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए दो एंटी स्मॉग गन का टेंडर पास किया था। तकनीकी और वित्तीय प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद पहली मशीन निगम को मिल गई। इंजीनियर गोपाल कलावत के अनुसार, "पहली मशीन उतार दी गई है और दूसरी लगभग दो हफ्तों में आ जाएगी। इन मशीनों से सड़कों, पेड़ों और सार्वजनिक स्थानों पर धूल नियंत्रण जैसे कई कार्य किए जा सकेंगे।"


कैसे काम करती है यह मशीन

  • वाहन में लगे पाइप और टनल सिस्टम से सड़क और पौधों पर पानी की धुंध पैदा होती है।
  • पीछे की ओर लगे बड़े पंखे धूल को नीचे दबाकर हवा को साफ करते हैं।
  • यह सिस्टम शहरी प्रदूषण नियंत्रण में विश्व के बड़े शहरों में अपनाया जाता है, खासकर दिल्ली और बीजिंग जैसे क्षेत्रों में।


पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि एंटी स्मॉग गन अकेले स्थायी समाधान नहीं है, लेकिन यह भारी ट्रैफिक वाले इलाकों में प्रदूषण को तुरंत नियंत्रित करने में मददगार होती है।


एयर क्वालिटी में सुधार से राहत

पिछले महीने पानीपत का AQI 250 से 350 के बीच रहा, जो 'खराब' श्रेणी में आता है। दिसंबर के शुरुआती दिनों में यह 200 से 250 के बीच था। लेकिन छिड़काव के बाद गुरुवार को AQI 148 दर्ज किया गया, जो मध्यम श्रेणी में है। स्थानीय निवासियों ने इसे राहत के रूप में देखा है। हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि यह तकनीक दो महीने पहले लागू होती, तो सुधार और तेजी से देखा जा सकता था।


मौसम में बदलाव: ठंडी हवा ने तापमान गिराया

पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी का असर मैदानों तक पहुंचने लगा है। गुरुवार को 16 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाओं के कारण तापमान में एक से दो डिग्री की गिरावट आई।


  • अधिकतम तापमान: 21 डिग्री सेल्सियस
  • न्यूनतम तापमान: 7 डिग्री सेल्सियस


डॉ आशीष कुमार, कृषि विज्ञान केंद्र उझा, बताते हैं, "हवा का रुख बदलने और पहाड़ियों में हिमपात होने से मैदानों में ठंड और बढ़ेगी। शनिवार सुबह हल्के से मध्यम बादल छा सकते हैं।"


किसानों के लिए यह मौसम क्यों फायदेमंद

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड गेहूं और सरसों की फसल के विकास के लिए सबसे उपयुक्त है। कृषि विभाग के एसडीओ डॉ देवेंद्र कुहाड़ कहते हैं, "यह समय गेहूं की पहली सिंचाई का है। इससे पौधे मजबूत होते हैं और उत्पादन बेहतर मिलता है।" स्थानीय किसान प्रदीप और संदीप बताते हैं कि उन्होंने पहली सिंचाई शुरू कर दी है और खाद डालने का काम भी चल रहा है।


अगला कदम क्या

नगर निगम का कहना है कि जल्द ही शहर के औद्योगिक इलाकों और घनी आबादी वाली सड़कों पर नियमित रूप से धूल दमन अभियान चलाया जाएगा। प्रदूषण के स्रोतों की पहचान और निगरानी प्रणाली बढ़ाने की भी योजना है। पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ते वाहनों की संख्या, निर्माण कार्य, और खेतों में पराली जलना जैसे कारक भी प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं। इसलिए दीर्घकालिक समाधान के लिए समग्र नीति जरूरी है।