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पार्थ पवार की कंपनी को 21 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी का नोटिस, क्या है पूरा मामला?

महाराष्ट्र के पुणे में अमादेया एंटरप्राइजेज LLP को 21 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी का नोटिस मिला है। यह कंपनी उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार से जुड़ी है। कंपनी ने एक डेटा सेंटर प्रोजेक्ट के लिए भूमि खरीदने का सौदा किया था, लेकिन अब वह प्रोजेक्ट रद्द हो गया है। इस स्थिति में कंपनी को पूरी स्टांप ड्यूटी और जुर्माना चुकाना होगा। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके राजनीतिक प्रभावों के बारे में।
 

पुणे में अमादेया एंटरप्राइजेज को नोटिस


पुणे : महाराष्ट्र के पुणे जिले में हावेली IV के उप-पंजीयक ए. पी. फुलवारे ने शुक्रवार को अमादेया एंटरप्राइजेज LLP को एक नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में कंपनी के पार्टनर दिग्विजय पाटिल को 21 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी और जुर्माना चुकाने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद ही कंपनी अपनी कैंसिलेशन डीड को फिर से जमा कर सकेगी।


अजित पवार के बेटे का संबंध

अजित पवार के बेटे से जुड़ी कंपनी
यह ध्यान देने योग्य है कि अमादेया एंटरप्राइजेज LLP में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार भी एक पार्टनर हैं। कंपनी ने कैंसिलेशन डीड इसलिए प्रस्तुत की क्योंकि वह जिस डेटा सेंटर प्रोजेक्ट के लिए भूमि खरीद रही थी, वह अब रद्द हो चुका है। इस रद्दीकरण के बाद सरकार द्वारा दी गई स्टांप ड्यूटी में छूट अब लागू नहीं रह गई है।


40 एकड़ भूमि का सौदा

40 एकड़ जमीन के सौदे से जुड़ा है मामला
यह मामला 20 मई 2025 को हुए 40 एकड़ भूमि के सौदे से संबंधित है, जिसकी कुल कीमत 300 करोड़ रुपये थी। यह सौदा शीतल तेजवाणी और दिग्विजय पाटिल के बीच हुआ था, और इसे हावेली IV सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में दर्ज किया गया था।


प्रोजेक्ट का रद्द होना

अब कंपनी ने स्वयं ही प्रोजेक्ट रद्द कर दिया
कंपनी को स्टांप ड्यूटी में छूट 1 फरवरी 2024 की सरकारी अधिसूचना के तहत मिली थी, जो डेटा सेंटर या आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए भूमि खरीदने पर लागू होती है। लेकिन अब जब कंपनी ने प्रोजेक्ट रद्द कर दिया है, तो यह छूट स्वतः समाप्त हो गई है।


ड्यूटी और पेनल्टी का भुगतान

ड्यूटी और पेनल्टी का भुगतान अनिवार्य
राज्य के पंजीकरण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जब छूट का उद्देश्य समाप्त हो जाता है, तो पूरी ड्यूटी और पेनल्टी का भुगतान अनिवार्य होता है। कंपनी को कुल 7% स्टांप ड्यूटी चुकानी होगी, जिसमें 5% मूल स्टांप ड्यूटी, 1% स्थानीय संस्था कर और 1% मेट्रो टैक्स शामिल हैं। इस हिसाब से 300 करोड़ रुपये की डील पर देय राशि लगभग 21 करोड़ रुपये बनती है।


कैंसिलेशन डीड में गलती

कैंसिलेशन डीड में हुई गलती
अधिकारियों ने बताया कि जब कंपनी ने अपनी कैंसिलेशन डीड जमा की, तब उस पर केवल 500 रुपये की स्टांप ड्यूटी अदा की गई थी। विभाग ने इसे अवैध और अपूर्ण रूप से स्टांप किया गया दस्तावेज माना। इसलिए अब अमादेया एंटरप्राइजेज को सभी कमियां दूर कर पूरी स्टांप ड्यूटी और जुर्माना भरने के बाद ही दस्तावेज दोबारा जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।


राजनीतिक हलचल

इस विवाद ने न केवल अमादेया एंटरप्राइजेज बल्कि महाराष्ट्र के राजनीतिक और व्यावसायिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। डेटा सेंटर प्रोजेक्ट के रद्द होने से कंपनी को अब आर्थिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर जवाब देना होगा। सरकार के लिए यह मामला राजस्व नियमों के सख्त पालन का उदाहरण बन सकता है।