प्रधानमंत्री मोदी का कुरुक्षेत्र दौरा: पंचजन्य स्मारक का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी का कुरुक्षेत्र दौरा
PM Modi Kurukshetra visit: कुरुक्षेत्र | आज धर्मनगरी कुरुक्षेत्र ने एक ऐतिहासिक क्षण का अनुभव किया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज्योतिसर में अनुभव केंद्र और पंचजन्य शंख स्मारक का उद्घाटन किया। इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी उपस्थित थे।
स्मारक का उद्घाटन करने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने अनुभव केंद्र का गहन अवलोकन किया और परिसर की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्ता को समझा।
भारत की अद्भुत विरासत पर प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन
PM मोदी ने कहा — भारत की विरासत अद्भुत संगम बनकर सामने आई है PM Modi Kurukshetra visit
कार्यक्रम में बोलते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की आध्यात्मिक धरोहर की अद्वितीयता पर जोर दिया।
उन्होंने भावुकता से कहा—
“आज सुबह मैं रामायण की नगरी अयोध्या में था और अब गीता की नगरी कुरुक्षेत्र में हूँ। यहां श्रीगुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस पर हम उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।”
उन्होंने मंच पर उपस्थित संतों, श्रद्धालुओं और संगत को भी प्रणाम किया और कहा कि कुरुक्षेत्र सदियों से धर्म, ज्ञान और सत्य का केंद्र रहा है।
पंचजन्य स्मारक का धार्मिक महत्व
पंचजन्य स्मारक का धार्मिक महत्व
नया पंचजन्य शंख स्मारक केवल एक संरचना नहीं, बल्कि धर्म और विजय का शाश्वत प्रतीक है।
इस स्मारक पर गीता के 18 पवित्र श्लोक अंकित हैं, जो मानव जीवन के मार्गदर्शन का सार प्रस्तुत करते हैं।
महाभारत युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण ने न्याय और धर्म की रक्षा के लिए दिव्य पंचजन्य शंख से ही शंखनाद किया था।
यही कारण है कि उन्नत वैदिक शैली में निर्मित यह स्वर्णिम शंख—
पवित्रता
साहस
धर्म की जीत
—की याद दिलाता है। यह स्मारक भारत के सनातन संदेश को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम बनेगा।
महाभारत अनुभव केंद्र का दौरा
महाभारत अनुभव केंद्र का अवलोकन
उद्घाटन के बाद, प्रधानमंत्री मोदी, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने महाभारत अनुभव केंद्र के विभिन्न भागों का दौरा किया।
यहां मौजूद हैं:
स्वागत कक्ष
महाकाव्य सृजन कक्ष
प्राचीन महाभारत अनुभाग
कुरु वंशावली
द्रौपदी स्वयंवर अनुभाग
भगवान श्रीकृष्ण का विराट स्वरूप
भगवान श्रीकृष्ण का विराट स्वरूप
गीता श्लोक अनुभाग
कृष्ण भूमिका
कुरुक्षेत्र 48 कोस क्षेत्र
दशावतार अनुभाग
इन सभी कक्षों में कुरुक्षेत्र के इतिहास, संस्कृति और आध्यात्मिक महत्व को आधुनिक तकनीक के साथ प्रस्तुत किया गया है।
प्रधानमंत्री ने पूरे परिसर को नमन करते हुए इसे देश की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने वाला कदम बताया।