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प्रधानमंत्री मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर लखनऊ में 'राष्ट्र प्रेरणा स्थल' का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर 'राष्ट्र प्रेरणा स्थल' का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने अटल जी और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के योगदान को याद करते हुए देश की राजनीतिक स्थिति और विकास यात्रा पर चर्चा की। पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश की प्रगति, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभ, और अटल जी की सोच के महत्व पर भी प्रकाश डाला। जानें उनके भाषण की प्रमुख बातें और उत्तर प्रदेश के विकास की नई दिशा।
 

अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती का समारोह


लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'राष्ट्र प्रेरणा स्थल' का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के योगदान को याद करते हुए देश की राजनीतिक स्थिति, सुशासन और विकास की यात्रा पर विस्तार से चर्चा की।


प्रधानमंत्री मोदी का भाषण

अपने संबोधन में, पीएम मोदी ने बताया कि एक समय देश में राजनीतिक भेदभाव और छुआछूत जैसी सोच प्रचलित थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली के पुराने संग्रहालयों में कई पूर्व प्रधानमंत्रियों को उचित सम्मान नहीं मिला। एनडीए सरकार ने इस स्थिति को बदलने का प्रयास किया है, और अब प्रधानमंत्री संग्रहालय के माध्यम से हर पूर्व प्रधानमंत्री को सम्मान दिया जा रहा है, चाहे उनका कार्यकाल कितना भी छोटा क्यों न हो।


उन्होंने भाजपा की राजनीतिक संस्कृति की सराहना करते हुए कहा कि यह सभी का सम्मान करना सिखाती है। पिछले 11 वर्षों में, एनडीए सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्रियों जैसे पी.वी. नरसिम्हा राव, प्रणब मुखर्जी और मुलायम सिंह यादव को सम्मान देकर एक नई परंपरा स्थापित की है।


उत्तर प्रदेश की प्रगति

पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के संदर्भ में कहा कि डबल इंजन सरकार का लाभ राज्य को स्पष्ट रूप से मिल रहा है। उन्होंने गर्व से कहा कि यूपी से सांसद होना उनके लिए सौभाग्य की बात है, और आज प्रदेश के मेहनतकश लोग अपने उज्ज्वल भविष्य की नींव खुद रख रहे हैं। पहले उत्तर प्रदेश की पहचान खराब कानून व्यवस्था से जुड़ी थी, लेकिन अब विकास, निवेश और आधुनिक बुनियादी ढांचे के लिए चर्चा होती है। राम मंदिर, काशी विश्वनाथ धाम और राष्ट्र प्रेरणा स्थल जैसे निर्माण प्रदेश की नई छवि को मजबूत कर रहे हैं।


श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचारों का उल्लेख

पीएम मोदी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने 'दो विधान, दो निशान और दो प्रधान' की व्यवस्था का कड़ा विरोध किया था, जो देश की एकता के लिए खतरा था। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार को अनुच्छेद 370 हटाने का अवसर मिला, जिससे जम्मू-कश्मीर में भारत का संविधान पूरी तरह लागू हो सका है।


गरीबी उन्मूलन के प्रयास

प्रधानमंत्री ने पिछले एक दशक में गरीबी कम करने के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले केवल 25 करोड़ लोग सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में थे, जबकि आज लगभग 95 करोड़ नागरिक इन योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में भी बड़ी संख्या में लोगों को इसका फायदा मिला है।


उन्होंने पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि इन योजनाओं ने करोड़ों गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है। पीएम मोदी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने सुशासन को केवल एक नारा नहीं, बल्कि इसे वास्तविकता में बदलने का कार्य किया। डिजिटल पहचान, दूरसंचार नीति और कनेक्टिविटी के लिए अटल जी की सोच ने आज के डिजिटल भारत की नींव रखी। उन्होंने विश्वास जताया कि अटल जी जहां भी होंगे, आज के भारत को देखकर गर्व महसूस कर रहे होंगे।