बरसत रोड पर किसानों की जमीन का मामला: पीडब्ल्यूडी ने खरीदी का लिया निर्णय
पानीपत में बरसत रोड का विवाद
पानीपत समाचार। 1960 में पीडब्ल्यूडी द्वारा बिना किसानों की सहमति के बरसत रोड का निर्माण किया गया था, जिसका प्रभाव अब स्पष्ट हो रहा है। हाल ही में कोर्ट के आदेश पर 29 अगस्त को संजय गुप्ता को उनकी जमीन का कब्जा वापस दिया गया। इसके अलावा, कई अन्य किसान भी हैं जिन्होंने सेशन कोर्ट में अपने मामले जीत लिए हैं और उन्हें भी जल्द ही बरसत रोड पर अपनी जमीन का कब्जा मिलेगा।
पीडब्ल्यूडी का नया कदम
इस समस्या के समाधान के लिए, पीडब्ल्यूडी ने किसानों से उनकी जमीन खरीदने का निर्णय लिया है। विभाग जल्द ही ई-भूमि पोर्टल पर जमीन खरीदने की इच्छा व्यक्त करेगा। किसान पोर्टल पर अपनी जमीन का मूल्य बताकर आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च खरीद समिति किसानों के साथ मूल्य पर समझौता करेगी, जिससे बरसत रोड का पुराना स्वरूप पुनः स्थापित किया जा सकेगा।
किसानों का कब्जा
कुटानी गांव के किसान रणवीर ने अपनी 660 वर्ग गज जमीन पर कब्जा ले लिया है, जिससे सड़क का मार्ग टेढ़ा हो गया है। पीवीआर के पास भी एक अन्य किसान को कब्जा मिला है। इसके अलावा, स्वर्गीय रघुवीर सैनी, अंसल निवासी विरेंद्र शर्मा और इंसार बाजार निवासी राजकपूर और भारत भूषण जैसे कई किसान भी हैं, जिन्होंने 3-3 बीघा से अधिक जमीन पर कब्जा प्राप्त किया है। ये सभी किसान अपने केस जीत चुके हैं।
बरसत रोड पर यातायात
बरसत रोड पर पीक टाइम में हर मिनट 53 से अधिक वाहन गुजरते हैं। निगम के वार्ड 1, 2, 3 और 4 इस सड़क से जुड़े हुए हैं। यहां की 20 से अधिक कॉलोनियों के रास्ते बंद हो चुके हैं। इसके अलावा, अजीजुल्लापुर, भैंसवाल, चंदौली, खोतपुरा, गढ़ सरनाई, पल्हेड़ी, हरिसिंहपुरा, फरीदपुर, पुंडरी, अलीपुर जैसे 12 से अधिक गांवों के रास्ते भी इस रोड से जुड़े हैं।
समस्या का समाधान
राजकपूर की 3 बीघा 12 बिस्वा जमीन पीडब्ल्यूडी ने कब्जा कर ली थी। उनका कहना है कि बिना अधिग्रहण के उनकी जमीन छीन ली गई। वे केवल मुआवजे की मांग कर रहे हैं। वहीं, अंसल के विरेंद्र शर्मा ने कहा कि आम आदमी का रास्ता बंद करना इस समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने भी मुआवजे या जमीन की मांग की थी।
पीडब्ल्यूडी का बयान
पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन सवित कुमार पन्नू ने बताया कि कोर्ट के आदेश के कारण ही बरसत रोड पर किसानों को कब्जा दिया गया है। समस्या के समाधान के लिए विभाग जल्द ही ई-भूमि पोर्टल पर जमीन खरीदने की इच्छा जाहिर करेगा। इससे किसानों को उनकी जमीन की उचित कीमत मिलेगी और सड़क के लिए आवश्यक जमीन भी प्राप्त होगी।