बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री ने हिंदू समुदाय की स्थिति पर उठाए सवाल
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में हिंदू समुदाय की स्थिति पर चिंता जताई है। उन्होंने मौजूदा सरकार पर कट्टरपंथियों के हाथों लोगों को बंधक बनाने का आरोप लगाया। शारदीय नवरात्रि के अवसर पर उन्होंने हिंदुओं को शुभकामनाएं दीं और कहा कि बांग्लादेश के लोग चुनौतियों का सामना कर अपनी स्वतंत्रता प्राप्त करेंगे। हसीना ने हिंसक प्रदर्शनों के दौरान हिंदू समुदाय के खिलाफ अत्याचारों की घटनाओं का भी जिक्र किया। उनका कहना है कि चरमपंथी समूहों का हौसला बढ़ गया है और वे दुर्गा पूजा जैसे त्योहारों का विरोध कर रहे हैं।
Sep 27, 2025, 20:12 IST
शेख हसीना का कट्टरपंथियों पर हमला
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में देश में हिंदुओं की स्थिति को लेकर मौजूदा सरकार पर तीखा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोग चुनौतियों का सामना करेंगे और स्वतंत्रता प्राप्त करेंगे, क्योंकि उन्हें कट्टरपंथी तत्वों ने बंधक बना रखा है। हसीना ने शारदीय नवरात्रि के अवसर पर बांग्लादेश में सनातन धर्म के अनुयायियों को शुभकामनाएं भी दीं, जब पूरे देश में दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है। उनकी पार्टी के प्रमुख को पद से हटा दिया गया और उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा, जब उनकी सरकार के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। इसके परिणामस्वरूप, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को पिछले वर्ष अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया था।
हिंदू समुदाय पर अत्याचार
हिंसक प्रदर्शनों के दौरान, बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ कथित अत्याचारों की घटनाएं सामने आईं, जो भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव का कारण बनीं। हसीना ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, "प्रिय देशवासियों, इस शारदीय अवसर पर मैं सभी को बधाई और प्यार भेजती हूँ। बांग्लादेश आज गंभीर संकट का सामना कर रहा है, लेकिन अवामी लीग को उम्मीद है कि लोग इन चुनौतियों को पार कर अपनी स्वतंत्रता प्राप्त करेंगे।" उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के लोग हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े रहे हैं और प्रेम और करुणा का प्रदर्शन करते रहे हैं। लेकिन आज, वे कट्टरपंथियों के हाथों बंधक बने हुए हैं।
चरमपंथियों का बढ़ता हौसला
शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद, बांग्लादेश में चरमपंथी समूहों का हौसला बढ़ गया है। प्रतिबंधित संगठनों ने फिर से सक्रिय होना शुरू कर दिया है। पिछले साल, कट्टरपंथी इस्लामी समूहों ने दुर्गा पूजा के आयोजन का विरोध किया और त्योहार के दौरान छुट्टियों के खिलाफ भी आवाज उठाई। उन्होंने ढाका में मार्च निकाला और हिंदुओं द्वारा खेल के मैदान के उपयोग का विरोध किया, जहां वर्षों से दुर्गा पूजा का आयोजन होता आ रहा है।