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बागपत की दिव्यांग आकांक्षा को मिली नई नौकरी, डीएम ने किया मदद का हाथ

बागपत की आकांक्षा शर्मा की कहानी एक प्रेरणा है। एक दुर्घटना ने उसे दिव्यांग बना दिया, लेकिन डीएम अस्मिता लाल ने उसकी मदद की और उसे एकाउंटेंट की नौकरी दिलाई। आकांक्षा की यह यात्रा न केवल उसके लिए, बल्कि उसके परिवार के लिए भी नई उम्मीद लेकर आई है। जानें कैसे एक छोटी सी मुलाकात ने उसकी जिंदगी बदल दी।
 

एक नई शुरुआत की कहानी

एक दिव्यांग युवती, आकांक्षा शर्मा, ने बागपत के डीएम से ट्राइ साइकिल की मांग की। डीएम साहब ने उसकी स्थिति को समझा और बातचीत के दौरान आकांक्षा के हुनर को पहचान लिया। उन्होंने आकांक्षा से उसका रिज्यूम मांगा, जिसे सुनकर वह थोड़ी चौंकी, लेकिन फिर भी उसने रिज्यूम प्रस्तुत किया। इसके परिणामस्वरूप, उसे एकाउंटेंट की नौकरी मिल गई, जो उसके और उसके परिवार के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई। यह कहानी किसी उपन्यास की नहीं, बल्कि बागपत की सच्चाई है।


दुखद हादसे का सामना

2023 में आकांक्षा और उसके पिता वीरेश शर्मा एक दुर्घटना का शिकार हो गए, जिसमें उसके पिता की जान चली गई। इस घटना ने आकांक्षा को गहरे सदमे में डाल दिया और वह गंभीर रूप से घायल हो गई। डॉक्टरों ने उसकी स्थिति को लेकर आशंका जताई, लेकिन उसकी हिम्मत ने उसे बचा लिया, हालांकि एक पैर को खोना पड़ा।


परिवार की जिम्मेदारी

इस हादसे के बाद आकांक्षा के पास न केवल पिता का सहारा नहीं रहा, बल्कि उसकी नौकरी भी चली गई। अब उसके घर में केवल उसकी मां उर्मिला और वह ही थीं। आकांक्षा को अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को लेकर चिंता सताने लगी। डीएम ने उसकी कहानी सुनी और इंसानियत का परिचय देते हुए उसे नौकरी दिलाने का निर्णय लिया।