बिहार चुनाव में बाहुबली नेताओं की जीत और हार: अनंत सिंह की शानदार वापसी
बिहार में अनंत सिंह की जीत
बिहार: चुनाव प्रचार के दौरान जन सुराज पार्टी के एक समर्थक की हत्या के बाद जेडीयू के प्रभावशाली नेता अनंत सिंह ने मोकामा सीट पर अपनी स्थिति मजबूत रखी है। जेल में रहते हुए यह उनकी तीसरी बार और कुल मिलाकर छठी जीत है। स्थानीय लोग उन्हें 'छोटे सरकार' के नाम से जानते हैं, और उन्होंने आरजेडी की वीणा देवी को 28,000 से अधिक वोटों से हराया।
अन्य बाहुबली उम्मीदवारों की जीत
बिहार चुनाव में बाहुबली परिवारों का प्रभाव
इस बार बिहार चुनाव में कई बाहुबली परिवारों के उम्मीदवार शामिल हुए। संदेश सीट पर जेडीयू के राधा चरण सेठ ने केवल 27 वोटों से जीत हासिल की। वहीं, आरजेडी के नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह ने मटिहानी में जेडीयू के उम्मीदवार को 5,000 से अधिक वोटों से हराया। भाजपा के विशाल प्रशांत, जो पूर्व गैंगस्टर सुनील पांडे के बेटे हैं, ने तरारी में 10,000 से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की। इसी तरह, रघुनाथपुर में दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब ने जेडीयू के उम्मीदवार को लगभग 9,300 वोटों से हराया।
अशोक महतो की पत्नी की जीत
बनियापुर में भाजपा उम्मीदवार की हार
बनियापुर से भाजपा के केदारनाथ सिंह, जो जेल में बंद प्रभुनाथ सिंह के भाई हैं, ने 15,000 से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की। नवीनगर में आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने बेहद करीबी मुकाबले में केवल 112 वोटों से जीत दर्ज की। वारसलीगंज में आरजेडी की अनिता, जो कुख्यात अपराधी अशोक महतो की पत्नी हैं, ने भाजपा की अरुणा देवी को 7,500 से अधिक वोटों से हराया।
बाहुबली नेताओं की हार
हार का सामना करने वाले बाहुबली
कई बाहुबली परिवारों के उम्मीदवारों को इस चुनाव में निराशा का सामना करना पड़ा। दानापुर सीट पर आरजेडी के रीत लाल रॉय को भाजपा के रामकृपाल यादव के हाथों लगभग 29,000 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। बाढ़ विधानसभा में आरजेडी के कर्णवीर सिंह यादव को लगभग 25,000 वोटों से पराजित होना पड़ा।
शिवानी शुक्ला की बड़ी हार
रूपौली में सबसे बड़ी हार
ब्रहमपुर से एलजेपी (RV) के उम्मीदवार हुलास पांडे को आरजेडी के उम्मीदवार ने 3,200 वोटों से हराया। सबसे बड़ी हार रूपौली में देखने को मिली, जहां आरजेडी की बिमला भारती, जो अपराधी अवधेश मंडल की पत्नी हैं, 73,000 से अधिक वोटों से हार गईं। लालगंज में मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला भी लगभग 32,000 वोटों के भारी अंतर से पीछे रह गईं।