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बिहार चुनावों में NDA की ऐतिहासिक जीत: RJD का मुस्लिम-यादव वोट बैंक फिर भी मजबूत

बिहार के हालिया विधानसभा चुनावों में NDA ने 243 में से 202 सीटें जीतकर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। इस चुनाव में RJD का मुस्लिम-यादव वोट बैंक मजबूत बना रहा, लेकिन यह स्पष्ट है कि NDA ने विभिन्न सामाजिक समूहों का समर्थन हासिल किया। Ascendia Strategies के विश्लेषण के अनुसार, EBC, SC और ST समुदायों का योगदान NDA की जीत में महत्वपूर्ण रहा। यह चुनावी परिणाम आगामी चुनावों के लिए महत्वपूर्ण सबक प्रदान करते हैं, जिसमें राजनीतिक दलों को केवल पारंपरिक वोटरों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
 

बिहार विधानसभा चुनावों का विश्लेषण


बिहार: हाल के विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा, फिर भी पार्टी का पारंपरिक मुस्लिम-यादव (MY) वोट बैंक इस बार भी स्थिर रहा। Ascendia Strategies द्वारा किए गए चुनावी विश्लेषण से यह स्पष्ट हुआ है कि भले ही RJD को सीटें कम मिलीं, लेकिन उनके कोर वोटरों ने पार्टी का समर्थन नहीं छोड़ा। रिपोर्ट के अनुसार, महागठबंधन को प्राप्त कुल 38% वोटों में से लगभग 60% मुस्लिम और यादव समुदाय से आए। यादवों ने महागठबंधन को 10% वोट दिए, जबकि मुस्लिम वोटों का हिस्सा 13% रहा।


NDA ने 243 में से 202 सीटें जीतीं
हालांकि RJD का कोर वोट बैंक मजबूत बना रहा, लेकिन बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 243 में से 202 सीटें जीतकर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया। NDA को कुल 47% वोट शेयर प्राप्त हुआ, जिसमें यादवों का योगदान केवल 3% और मुसलमानों का 2% था। इसका अर्थ यह है कि NDA की जीत RJD के MY वोटों को तोड़कर नहीं हुई, बल्कि पार्टी को अन्य सामाजिक समूहों का व्यापक समर्थन मिला।


NDA को सवर्ण और गैर-यादव OBC से अधिक समर्थन मिला
Ascendia के अनुसार, NDA को सबसे अधिक समर्थन सवर्ण और गैर-यादव OBC मतदाताओं से प्राप्त हुआ। सवर्ण मतदाताओं ने NDA के कुल वोट शेयर का 7% हिस्सा दिया, जबकि महागठबंधन को केवल 2% वोट मिले। गैर-यादव OBC समुदाय ने भी NDA को मजबूत वोट समर्थन प्रदान किया, जिसमें NDA को 7% वोट मिले और महागठबंधन को सिर्फ 3%।


EBC, SC और ST समुदायों का योगदान NDA की जीत में
NDA की जीत में सबसे महत्वपूर्ण योगदान EBC (अति पिछड़ा वर्ग), SC और ST समुदायों का रहा। NDA के कुल 47% वोट शेयर में से लगभग 60% वोट इन समुदायों से आए। EBC मतदाताओं ने NDA को 15% वोट दिए, जबकि महागठबंधन को केवल 6% मिले। SC और ST मतदाताओं से NDA को 13% वोट प्राप्त हुए, जबकि महागठबंधन को मात्र 4% वोट मिले। यह डेटा स्पष्ट करता है कि EBC और SC-ST समुदायों के समर्थन ने NDA को बिहार में भारी बहुमत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


RJD का MY वोट बैंक और राजनीतिक निष्कर्ष
RJD का मुस्लिम-यादव वोट बैंक अब भी मजबूत है, लेकिन केवल कोर वोटरों पर निर्भर रहना अब पर्याप्त नहीं रहा। चुनावी विश्लेषण से पता चलता है कि NDA ने विभिन्न सामाजिक समूहों का रणनीतिक समर्थन प्राप्त करके रिकॉर्ड जीत हासिल की। यह चुनाव यह संकेत देता है कि बिहार की राजनीति में सामाजिक समीकरण और व्यापक जनसमूह का समर्थन निर्णायक होता जा रहा है।


NDA की जीत और RJD के वोट बैंक के स्थिर रहने की यह स्थिति आगामी बिहार विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए महत्वपूर्ण सबक देती है। राजनीतिक दलों के लिए यह आवश्यक है कि वे केवल पारंपरिक आधार पर नहीं, बल्कि व्यापक जातीय और सामाजिक समर्थन पर ध्यान दें।