बिहार में नया एक्सप्रेसवे: 350 किमी की दूरी अब 3 घंटे में
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे का निर्माण
नया एक्सप्रेसवे: पटना से 350 किमी की दूरी, 9 घंटे का सफर अब 3 घंटे में: बिहार के निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण समाचार है, जो उनके यात्रा अनुभव को तेज, सुरक्षित और आरामदायक बनाने वाला है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की देखरेख में बिहार में 350 किलोमीटर लंबा पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है, जिसकी कुल लागत 18 हजार करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।
यह छह लेन वाला हाईवे राजधानी पटना को पूर्णिया से जोड़ेगा, जिससे 8-9 घंटे की यात्रा अब केवल 3 घंटे में पूरी की जा सकेगी। इस परियोजना से बिहार की कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण सुधार होगा, और यह राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास को नई दिशा देगा।
यह एक्सप्रेसवे बिहार के कई प्रमुख क्षेत्रों से होकर गुजरेगा, जिनमें हाजीपुर, दरभंगा, सहरसा, और पूर्णिया शामिल हैं। इस मार्ग पर 160 से अधिक छोटे-बड़े पुलों का निर्माण किया जाएगा, जो यात्रा को और अधिक सुगम बनाएंगे।
रूट मैप के अनुसार, यह एक्सप्रेसवे दिघबारा (NH-31) से शुरू होकर डुमरी बुजुर्ग, पातेपुर, जंदाहा, सरायरंजन, चंदौर मध्य, कुशेश्वर स्थान, और सहरसा के कद्दूमर जैसे क्षेत्रों से होते हुए पूर्णिया के गुलाब बाग-कसवा तक पहुंचेगा। यह मार्ग NH-27 और NH-322 को भी जोड़ेगा, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार होगा। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तीन साल में पूरी होने की उम्मीद है।
इस परियोजना का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि यह बिहार के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों को एक-दूसरे के करीब लाएगा। व्यापारियों, छात्रों, और नौकरीपेशा लोगों के लिए यह एक्सप्रेसवे समय और संसाधनों की बचत करेगा।
साथ ही, पूर्णिया जैसे औद्योगिक और कृषि केंद्रों को पटना से बेहतर जोड़कर यह क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को गति देगा। यह हाईवे पर्यटन को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि पूर्णिया और आसपास के क्षेत्रों की प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत तक पहुंच आसान हो जाएगी। बिहारवासियों के लिए यह परियोजना एक सपने के सच होने जैसी है।
नागरिकों से अनुरोध है कि वे इस परियोजना से संबंधित अपडेट्स के लिए आधिकारिक स्रोतों पर ध्यान दें और भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में प्रशासन का सहयोग करें। यह एक्सप्रेसवे न केवल बिहार की सड़क व्यवस्था को विश्वस्तरीय बनाएगा, बल्कि यह राज्य के विकास की नई कहानी भी लिखेगा। यह परियोजना उन लोगों के लिए एक वरदान साबित होगी, जो बिहार को प्रगति के पथ पर तेजी से आगे बढ़ते देखना चाहते हैं।