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बिहार में मछुआरे के जाल में मिली दुर्लभ अमेजन मछली

बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बगहा में एक मछुआरे के जाल में एक दुर्लभ अमेजन मछली फंसी। यह घटना तेजी से इलाके में फैल गई, जिससे लोग इसे देखने के लिए जुटने लगे। वन विभाग ने मछली की पहचान 'सकर माउथ कैटफिश' के रूप में की, जो आमतौर पर अमेजन नदी में पाई जाती है। मछली को सुरक्षित रूप से गंडक नदी में छोड़ दिया गया है। जानें इस अनोखी मछली के बारे में और कैसे यह रामनगर की नहर में पहुंची।
 

बगहा में अनोखी मछली की खोज

बगहा (बिहार): बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बगहा में एक मछुआरे को एक दुर्लभ प्रजाति की मछली मिली है। यह मछली रामनगर स्थित त्रिवेणी नहर में मछली पकड़ने के दौरान जाल में फंस गई। जैसे ही इस मछली की खबर फैली, लोग इसे देखने के लिए दूर-दूर से आने लगे।


रविवार को रामनगर का एक मछुआरा त्रिवेणी नहर में मछली पकड़ रहा था। जब उसने अपना जाल बाहर निकाला, तो उसमें एक अनोखी मछली फंसी हुई थी, जिसे उसने पहले कभी नहीं देखा था। यह खबर तेजी से इलाके में फैल गई और मछुआरे के पास लोगों की भीड़ लग गई।


अमेजन नदी की मछली का रहस्य

अमेजन नदी में पाई जाने वाली मछली
वन विभाग की टीम ने घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचकर मछली की पहचान की। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) के रेंजर विजय प्रसाद ने बताया कि यह मछली 'सकर माउथ कैटफिश' है, जो मुख्य रूप से अमेरिका की अमेजन नदी में पाई जाती है। भारत में इसे 'कैटफिश' के नाम से जाना जाता है। इसका रामनगर की नहर में मिलना एक आश्चर्यजनक घटना है।


रेस्क्यू और प्राकृतिक आवास में वापसी
वन विभाग की टीम ने तुरंत इस दुर्लभ मछली का सफल रेस्क्यू किया। रेंजर विजय प्रसाद ने पुष्टि की कि मछली को सुरक्षित रूप से गंडक नदी में छोड़ दिया गया है, ताकि वह अपने प्राकृतिक आवास में रह सके।


कैसे पहुंची यह मछली?

अधिकारियों का मानना है कि यह मछली गंडक नदी के रास्ते यहां पहुंची होगी। दरअसल, नेपाल से निकलने वाली नारायणी नदी (जिसे भारत में गंडक नदी कहा जाता है) से त्रिवेणी समेत कई प्रमुख नहरों में पानी सप्लाई होता है। आशंका है कि यह कैटफिश नेपाल की काली गंडकी नदी के रास्ते बहते हुए रामनगर के त्रिवेणी नहर तक पहुंच गई होगी।