बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर तेजस्वी यादव का हमला
बिहार में मतदाता सूची का विवाद
बिहार में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण: विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया के माध्यम से गरीब, वंचित और अल्पसंख्यक समुदायों को मतदाता सूची से हटाने की साजिश की जा रही है। इस संदर्भ में विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में वोटबंदी की एक गहरी साजिश चल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय के वोट काटकर फर्जी वोट जोड़ने का खेल शुरू हो गया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "बिहार में वोटबंदी की गहरी साजिश। दलित-पिछड़ा-अतिपिछड़ा और अल्पसंख्यक के वोट काटने और फर्जी वोट जोड़ने का खेल शुरू। मोदी-नीतीश संविधान और लोकतंत्र को कुचलने तथा आपके मत का अधिकार छिनने के लिए संकल्पित होकर चुनाव आयोग के माध्यम से कार्य कर रहे हैं। ये लोग प्रत्यक्ष हार देखकर अब बौखला गए हैं। जब मतदाता का मत ही समाप्त कर देंगे तो काहे का लोकतंत्र और संविधान।"
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
बिहार में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सोशल मीडिया पर एक समाचार पत्र में प्रकाशित विज्ञापन के कारण भ्रम उत्पन्न हो गया था, जिसमें कहा गया था कि 'अब केवल फॉर्म भरना है, दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता नहीं है'। इसके बाद चुनाव आयोग को स्पष्टीकरण देना पड़ा। चुनाव आयोग (EC) ने रविवार को स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह प्रक्रिया जमीन स्तर पर सुचारू रूप से लागू हो रही है।