बिहार में राजस्व महा-अभियान: टीम घर-घर जाकर करेगी जागरूकता
बिहार में राजस्व महा-अभियान की तैयारी
बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 16 अगस्त से 20 सितंबर तक चलने वाले राजस्व महा-अभियान को सफल बनाने के लिए रविवार को शास्त्रीनगर में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की। इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि भूमि के कागजातों में गड़बड़ी एक गंभीर समस्या है, जो राज्य के सभी नागरिकों को प्रभावित करती है।
टीम घर-घर जाएगी
हालांकि विभाग की सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं, लेकिन दाखिल खारिज और परिमार्जन से संबंधित समस्याएं लोगों के लिए चुनौती बनी हुई हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए, ऑनलाइन जमाबंदी में सुधार, उत्तराधिकार नामांतरण, बंटवारा नामांतरण और छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन करने के लिए आवेदन फॉर्म घर-घर जाकर वितरित किए जाएंगे।
उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कार
दीपक कुमार सिंह ने बताया कि इस अभियान के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वालों को जिला और राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका इस कार्य को सफल बनाने में महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि वे सभी को अभियान के बारे में जानकारी देंगे और जमाबंदी की प्रति और आवेदन फॉर्म वितरित करेंगे।
अभियान का लक्ष्य
एसीएस सिंह ने कहा कि अभियान को धरातल पर उतारना प्राथमिकता है। इसके लिए ग्रामीण विकास, पंचायती राज, अनुसूचित जाति जनजाति और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का सहयोग लिया जाएगा। इन विभागों के कर्मी भी शिविरों के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी
राजस्व महा अभियान की जानकारी देते हुए आईटी मैनेजर आनंद शंकर ने बताया कि यह अभियान तीन चरणों में पूरा होगा। पहले चरण में तैयारी की जाएगी, दूसरे चरण में आयोजन होगा और तीसरे चरण में निष्पादन किया जाएगा। अंचल वार माइक्रो प्लान 12 अगस्त तक जारी किया जाएगा, जिसे विभाग के पोर्टल पर देखा जा सकेगा।
आवेदन की स्थिति
शिविर में जमा होने वाले आवेदन के संबंध में उन्होंने बताया कि फॉर्म जमा होते ही रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, जिसके बाद आवेदन की स्थिति की जानकारी उपलब्ध होगी। इस अवसर पर निदेशक जे प्रियदर्शिनी ने स्वागत भाषण दिया। बैठक में विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
प्रतिनिधियों के सुझाव
बैठक में विभिन्न संघों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव साझा किए। एसीएस ने उनके सुझावों को ध्यान से सुना और आवश्यक सुझावों को लागू करने का आश्वासन दिया।