बिहार विधानसभा चुनाव 2025: कांग्रेस में टिकट वितरण पर उठे विवाद के बाद नेताओं का गुस्सा
कांग्रेस पार्टी में टिकट बंटवारे का विवाद
बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी में टिकट वितरण को लेकर गंभीर विवाद उत्पन्न हो गया है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता इस प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं। आरोप है कि जिन कार्यकर्ताओं ने वर्षों तक पार्टी के लिए मेहनत की, उन्हें नजरअंदाज किया गया, जबकि धनबल वाले व्यक्तियों को प्राथमिकता दी गई।
नेताओं का गुस्सा प्रेस कॉन्फ्रेंस में फूटा
प्रेस कॉन्फ्रेंस में फूटा नेताओं का गुस्सा
पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस की राज्य रिसर्च सेल के प्रमुख आनंद माधव के नेतृत्व में कई नेताओं ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। मंच पर गजनंद शाही, छत्रपति तिवारी, नागेंद्र प्रसाद विकल, रंजन सिंह, बच्चू प्रसाद सिंह और बंटी चौधरी भी उपस्थित थे। इन नेताओं ने कहा कि टिकट वितरण में पारदर्शिता की कमी है और पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है।
कांग्रेस की आंतरिक लोकतांत्रिक संरचना पर सवाल
'पार्टी एजेंटों के कब्जे में चली गई है'
विरोध कर रहे नेताओं ने यह भी कहा कि यह समस्या केवल टिकट वितरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कांग्रेस की आंतरिक लोकतांत्रिक संरचना और सिद्धांतों पर भी सवाल उठाती है। उनका आरोप है कि बिहार कांग्रेस अब कुछ गिने-चुने नेताओं और उनके 'एजेंटों' के नियंत्रण में आ गई है। ऐसे लोग संगठन में अपनी निजी पसंद और फायदे को प्राथमिकता दे रहे हैं।
राहुल गांधी के नाम का दुरुपयोग?
राहुल गांधी के भरोसे का दुरुपयोग?
विरोध जताने वाले नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ नेता राहुल गांधी के नाम का उपयोग कर मनमाने फैसले ले रहे हैं। आनंद माधव ने कहा कि राहुल गांधी हमेशा जमीनी कार्यकर्ताओं को महत्व देने की बात करते हैं, लेकिन बिहार में उनके विचारों को नजरअंदाज किया गया है। यह पार्टी की नीति और साख के खिलाफ है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का मौन
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कोई जवाब नहीं दिया
जब इस मुद्दे पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। सूत्रों के अनुसार, पार्टी आलाकमान को इस नाराजगी की जानकारी दे दी गई है, और उनसे टिकट बंटवारे की प्रक्रिया की समीक्षा करने की मांग की गई है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने हाल ही में अपनी पहली सूची जारी की है जिसमें 48 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं।
चुनाव पर प्रभाव और संगठन की एकता
चुनावी असर और संगठन पर प्रश्नचिन्ह
यह विवाद ऐसे समय पर सामने आया है जब बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की भूमिका महागठबंधन के तहत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यदि नाराजगी इसी तरह बनी रही, तो इसका सीधा असर पार्टी के प्रदर्शन और महागठबंधन की एकता पर पड़ सकता है। आगामी चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे और वोटों की गिनती 14 नवंबर को की जाएगी।