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बिहार विधानसभा चुनाव: जेडीयू ने नए चेहरों को दिया मौका, भाजपा की भी बड़ी दावेदारी

बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारियाँ तेज हो गई हैं। जेडीयू ने चार मौजूदा विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों को मौका देने का निर्णय लिया है। भाजपा भी 102 सीटों पर दावेदारी कर रही है। जानें चुनावी रणनीतियों और दल-बदल के कारणों के बारे में। क्या ये बदलाव बिहार की राजनीति को प्रभावित करेंगे? पूरी जानकारी के लिए पढ़ें।
 

बिहार की सियासत में हलचल


Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारियों में तेजी आ गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने अपने उम्मीदवारों की सूची लगभग तैयार कर ली है। एक वरिष्ठ पार्टी नेता के अनुसार, जेडीयू सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी और इस बार चार मौजूदा विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया जाएगा।


जेडीयू की चुनावी रणनीति

103 सीटों पर जेडीयू का दावा


सूत्रों के अनुसार, जेडीयू 243 विधानसभा सीटों में से लगभग 103 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। एनडीए गठबंधन द्वारा सीट बंटवारे की आधिकारिक घोषणा उचित समय पर की जाएगी। पार्टी ने उन सभी सीटों की पहचान कर ली है, जहां वह चुनाव में भाग लेगी और उम्मीदवारों के नाम भी तय कर लिए गए हैं।


टिकट कटने के कारण

टिकट कटने की वजह


एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि चार विधायकों को उनकी खराब प्रदर्शन के कारण दोबारा मौका नहीं दिया जाएगा। इनमें भागलपुर, नवादा और बांका जिलों की कुछ सीटें शामिल हैं। इस निर्णय से पहले स्थानीय मतदाताओं से फीडबैक लिया गया था। पार्टी ने पहले ही संकेत दिया था कि कमजोर प्रदर्शन करने वाले नेताओं को टिकट नहीं मिलेगा।


दल-बदल पर कार्रवाई

दल-बदल वालों पर कार्रवाई


खगड़िया की परबत्ता सीट पर जेडीयू नया उम्मीदवार उतारेगी, क्योंकि मौजूदा विधायक संजीव कुमार हाल ही में राजद में शामिल हो गए हैं। इसी तरह रूपौली सीट से कई बार विधायक रहीं बीमा भारती भी विपक्षी खेमे में चली गई हैं। इन स्थानों पर पार्टी नए चेहरों को मौका देने की योजना बना रही है।


भाजपा और सहयोगियों की स्थिति

भाजपा और सहयोगियों की हिस्सेदारी


सूत्रों के अनुसार, भाजपा इस चुनाव में लगभग 102 सीटों पर दावेदारी करेगी। वहीं, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) भी पहले तय हुई 20-22 सीटों से अधिक की मांग कर रही है। इसके अलावा हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) को भी सम्मानजनक हिस्सेदारी देने पर चर्चा चल रही है।


जीतन राम मांझी की स्थिति

जीतन राम मांझी की मांग


HAM प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पहले ही कहा था कि उनकी पार्टी केवल "सम्मानजनक संख्या" में सीटें मिलने पर ही चुनाव लड़ेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे गठबंधन से बाहर जाने का दावा नहीं कर रहे, बल्कि सहयोग की उम्मीद कर रहे हैं।


आधिकारिक घोषणा की प्रतीक्षा

जल्द होगी औपचारिक घोषणा


एक भाजपा नेता ने आश्वासन दिया कि एनडीए के भीतर सब कुछ ठीक है और सीटों के बंटवारे पर अंतिम निर्णय जल्द ही लिया जाएगा। गठबंधन नेतृत्व एक-दो दिनों में औपचारिक ऐलान करेगा। उल्लेखनीय है कि बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।