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बिहार विधानसभा में नरेंद्र नारायण यादव बने उपाध्यक्ष

बिहार विधानसभा में जदयू के विधायक नरेंद्र नारायण यादव को सर्वसम्मति से उपाध्यक्ष चुना गया है। यादव का राजनीतिक सफर और हालिया विधानसभा चुनाव के परिणामों पर एक नजर डालते हैं। जानें उनके निर्वाचन की प्रक्रिया और बिहार की राजनीतिक स्थिति के बारे में।
 

नरेंद्र नारायण यादव का निर्वाचन

जदयू के विधायक नरेंद्र नारायण यादव को गुरुवार को बिहार विधानसभा का उपाध्यक्ष निर्वाचित किया गया। विधानसभा के अध्यक्ष प्रेम कुमार ने इस बात की घोषणा की।


यादव पहले भी 18वीं विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर के रूप में कार्य कर चुके हैं, और उनके नेतृत्व में ही बिहार विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव संपन्न हुआ। इसके अलावा, वे 17वीं विधानसभा के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।


निर्विरोध निर्वाचन की प्रक्रिया

उपाध्यक्ष पद के लिए यादव ने बुधवार को नामांकन भरा था, और उनके अलावा किसी अन्य ने इस पद के लिए नामांकन नहीं किया, जिससे उनका निर्विरोध चुना जाना सुनिश्चित था।


यादव का राजनीतिक सफर

नरेंद्र नारायण यादव मधेपुरा जिले के आलमगंज विधानसभा क्षेत्र से जदयू के विधायक हैं। उन्होंने 1995 में पहली बार विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया और 2025 में इसी क्षेत्र से अपनी आठवीं जीत हासिल की। वे नीतीश कैबिनेट में मंत्री भी रह चुके हैं।


बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष

भाजपा के नेता प्रेम कुमार को मंगलवार को बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया था। अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने उन्हें आसन तक पहुंचाया।


प्रेम कुमार ने 1990 में पहली बार विधायक बनने के बाद से लगातार नौ बार जीत हासिल की है और वे अत्यंत पिछड़ा वर्ग के नेताओं में अपनी पहचान बना चुके हैं।


हालिया विधानसभा चुनाव के परिणाम

हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 89 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) ने 85 सीटें प्राप्त कीं। चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति (आर) ने 19 सीटों पर जीत हासिल की।


एनडीए में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को पांच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को चार सीटों पर जीत मिली। मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को 25 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को छह सीटों पर संतोष करना पड़ा।