×

बेलडांगा में बाबरी मस्जिद का शिलान्यास, राजनीतिक मंशा पर उठे सवाल

पश्चिम बंगाल के बेलडांगा में निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद का शिलान्यास किया है, जिसके बाद राजनीतिक मंशा पर सवाल उठाए गए हैं। मौलाना यासूब अब्बास ने इसे देश को तोड़ने की साजिश बताया है। इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव ने भी इस पर चिंता जताई है। भाजपा नेता दिलीप घोष ने इसे मुस्लिम वोट बैंक के लिए किया गया कदम बताया है। इस विवाद के पीछे की कहानी और प्रतिक्रियाएं जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
 

बेलडांगा में विवादित शिलान्यास

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने शनिवार को 'बाबरी मस्जिद' का शिलान्यास किया। यह कार्यक्रम उनके द्वारा पहले से घोषित किया गया था। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को उच्च न्यायालय ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया था, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन ने सतर्कता बरती है।

अखिल भारतीय शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बयान देश को विभाजित करने की साजिश है और इसके पीछे निश्चित रूप से कोई राजनीतिक उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि मंदिर और मस्जिद के नाम पर कई विवाद और हिंसा हो चुकी है। मस्जिद का नाम अल्लाह या उसके रसूलों के नाम पर होना चाहिए, न कि ऐसे व्यक्तियों के नाम पर जो देश को लूटने के लिए जाने जाते हैं। धार्मिक स्थलों पर लोग शांति की तलाश में आते हैं, और इसमें राजनीति का समावेश करना गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि हुमायूं कबीर ने बाबर का नाम चुना है, जो किसी भी मुसलमान के लिए स्वीकार्य नहीं है।

राजनीतिक उद्देश्य पर उठे सवाल

इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन ने कहा कि यदि मस्जिद वैध स्थान पर है और उसका नक्शा स्वीकृत है, तो उस धर्म के अनुयायी उसे बना सकते हैं। लेकिन केवल बाबर के नाम पर मस्जिद बनाना एक राजनीतिक उद्देश्य है, जो धार्मिक विश्वास की वास्तविक भावना को कमजोर करता है। उन्होंने कहा कि यदि हुमायूं कबीर किसी अन्य नाम से मस्जिद बनवा रहे होते, तो उन्हें धार्मिक सीमाओं से परे योगदान मिलता। लेकिन जब राजनीति धार्मिक विश्वास के स्थान पर आती है, तो इससे किसी को कोई विशेष लाभ नहीं होता।

भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा कि यह मुस्लिम वोट बैंक के लिए किया जा रहा है। उन्हें एक नई पार्टी बनानी चाहिए और राज्य में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ काम करना चाहिए। मुसलमानों को आगे बढ़ने के लिए नेतृत्व की आवश्यकता है।