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ब्रिटेन में 'फैट टैक्स' पर विवाद: कब्रों के आकार के लिए अतिरिक्त शुल्क

ब्रिटेन के वॉल्वरहैम्पटन में हाल ही में लागू 'फैट टैक्स' ने विवाद खड़ा कर दिया है। इस नियम के अनुसार, यदि किसी मोटे व्यक्ति की मृत्यु होती है और उसके लिए बड़ी कब्र की आवश्यकता होती है, तो परिवार को अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा। स्थानीय निवासियों ने इसे भेदभावपूर्ण और अन्यायपूर्ण करार दिया है। प्रशासन का तर्क है कि यह कब्रगाहों की देखभाल और स्थान की कमी को देखते हुए आवश्यक है। जानें इस विवाद के पीछे की कहानी और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएँ।
 

ब्रिटेन में नया विवादास्पद नियम

दुनिया के विभिन्न देशों में कानूनों का निर्माण अलग-अलग तरीकों से किया जाता है, लेकिन कभी-कभी कुछ निर्णय ऐसे होते हैं जो व्यापक चर्चा का कारण बनते हैं। हाल ही में, ब्रिटेन के वॉल्वरहैम्पटन शहर में एक नया नियम लागू किया गया है, जिसे 'फैट टैक्स' के नाम से जाना जा रहा है।


मोटापा एक वैश्विक समस्या बन चुका है, जो न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बनता है। वॉल्वरहैम्पटन की स्थानीय परिषद ने इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए एक नया नियम बनाया है। यदि किसी मोटे व्यक्ति की मृत्यु होती है और उसके लिए सामान्य से बड़ी कब्र की आवश्यकता होती है, तो उसके परिवार को अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा।


जैसे ही यह नियम सामने आया, स्थानीय निवासियों में आक्रोश फैल गया। उनका कहना है कि यह निर्णय मोटे लोगों के प्रति भेदभावपूर्ण है। कई लोगों ने इसे अन्यायपूर्ण और अमानवीय करार दिया है। विरोध कर रहे नागरिकों का मानना है कि मृत्यु के बाद किसी व्यक्ति को उसके शरीर के आकार के आधार पर अलग करना गलत है।


वॉल्वरहैम्पटन की सिटी काउंसिल का तर्क है कि कब्रगाहों की देखभाल और स्थान की कमी को देखते हुए यह कदम उठाना आवश्यक था। उनका कहना है कि मोटापे के बढ़ते मामलों के कारण बड़ी कब्रों की आवश्यकता बढ़ गई है, जिसके लिए अधिक खर्च आता है।


यह पहली बार नहीं है जब किसी देश ने मोटापे से संबंधित टैक्स लगाया है। चीन में मीठे खाद्य पदार्थों पर अधिक शुल्क लिया जाता है, जबकि फ्रांस में कोल्ड ड्रिंक्स पर अतिरिक्त टैक्स लगाया जाता है। इस प्रकार, ब्रिटेन का यह कदम भी वैश्विक प्रवृत्ति का हिस्सा माना जा सकता है।


वर्तमान में, यह मामला बहस का विषय बना हुआ है। प्रशासन इसे आवश्यक व्यवस्था और संसाधनों के संतुलन का हिस्सा मानता है, जबकि लोग इसे मोटे लोगों पर सीधा हमला मानते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि ब्रिटेन इस निर्णय पर कायम रहता है या विरोध के दबाव में इसे बदलता है।