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भारत-अमेरिका व्यापार समझौता: संभावित हस्ताक्षर इस महीने

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता जल्द ही साकार हो सकता है। अमेरिका ने संकेत दिया है कि वह भारत पर लगाए गए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ को हटा सकता है। इसके बदले में, भारत अमेरिकी कृषि उत्पादों के लिए अपने बाजार को खोलेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भी इस समझौते को लेकर सकारात्मक बयान दिए हैं। जानें इस समझौते के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभाव क्या होंगे।
 

अमेरिका द्वारा 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ हटाने की संभावना


भारत-अमेरिका व्यापार समझौता (बिजनेस डेस्क): पिछले कुछ महीनों से चर्चा में रहा भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता अब जल्द ही वास्तविकता बन सकता है। अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि दोनों देशों के बीच सहमति बन चुकी है, और भारत ने भी माना है कि गतिरोध समाप्त हो चुका है। दोनों देश जल्द ही इस समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।


अमेरिका भारत पर लगाए गए जुर्माने वाले टैरिफ को हटाने की योजना बना रहा है। इसके बदले में, भारत अमेरिकी सोयाबीन, मक्का और कुछ डेयरी उत्पादों के लिए अपना बाजार खोलेगा। दोनों देश औद्योगिक और कृषि वस्तुओं पर टैरिफ की दरों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं।


ट्रंप का बयान

हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ एक ऐसे समझौते के करीब है जो दोनों देशों के आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करेगा। इससे अमेरिका के ऊर्जा निर्यात में वृद्धि होगी और प्रमुख क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, 'हमें एक उचित सौदा मिल रहा है, बस एक उचित व्यापार सौदा।' उन्होंने यह भी कहा कि यह सौदा पिछले सौदों से बहुत अलग होगा।


दोनों देशों के बीच व्यापारिक मतभेदों को सुलझाने के लिए कई उच्च स्तरीय वार्ताएं हुई हैं। ये मतभेद तब बढ़े थे जब अमेरिका ने भारत के कुछ निर्यात पर 50% का टैरिफ लगाया था। इस टैरिफ में से 25% रूसी तेल खरीदने के कारण था। हालांकि, अक्टूबर में भारत ने रूसी तेल का आयात कम कर दिया था, और नवंबर में इसमें और कमी की उम्मीद है।


भारत की स्थिति

अमेरिकी दबाव के चलते, भारत ने पिछले कुछ महीनों में रूस से कच्चे तेल के आयात में भारी कमी की है। आने वाले महीनों में इसे और कम करने की योजना है। भारत ने अब अपनी जरूरतों के अनुसार खाड़ी देशों और अमेरिका से कच्चा तेल आयात करना शुरू कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहले ही भारत को चेतावनी दी थी कि जब तक भारत रूस से कच्चा तेल आयात करना बंद नहीं करेगा, तब तक व्यापार समझौता नहीं होगा और आर्थिक प्रतिबंध भी बढ़ाए जाएंगे। इसके बाद भारत ने रूस से कच्चा तेल आयात लगभग बंद कर दिया है।