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भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज: अंशुल कंबोज को मिली टीम में जगह

भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज में अंशुल कंबोज को टीम में शामिल किया गया है। चोटों के कारण टीम इंडिया को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जानें इस युवा गेंदबाज के बारे में और कैसे उनकी एंट्री टीम की गेंदबाजी को मजबूत कर सकती है।
 

भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का रोमांच

भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला अब निर्णायक मोड़ पर है। इंग्लैंड ने 2-1 की बढ़त बना रखी है, और दोनों टीमों की नजरें 23 जुलाई से शुरू होने वाले चौथे टेस्ट पर हैं। इस महत्वपूर्ण मुकाबले से पहले भारतीय टीम को तेज गेंदबाजों की चोटों ने चिंता में डाल दिया है, जिससे टीम चयन में दुविधा उत्पन्न हो गई है।


भारतीय ऑलराउंडर नितीश कुमार रेड्डी के अलावा, तेज गेंदबाज आकाश दीप और अर्शदीप सिंह भी चोट के कारण बाहर हो सकते हैं। इस स्थिति में हरियाणा के तेज गेंदबाज अंशुल कंबोज को मैनचेस्टर टेस्ट के लिए टीम में शामिल किया गया है। पूर्व भारतीय स्पिनर आर अश्विन ने इस युवा गेंदबाज की प्रशंसा की है और उन्हें जहीर खान और जसप्रीत बुमराह के स्तर का बताया है।


अश्विन का मानना है कि आकाश दीप की ग्रोइन इंजरी और अर्शदीप की हाथ की चोट के बाद टीम को तीसरे तेज गेंदबाज की आवश्यकता है। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रहे अंशुल को इस भूमिका के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बताया। 24 वर्षीय कंबोज की लंबी गेंदबाजी क्षमता, सटीक रिस्ट पोजिशन और सीम मूवमेंट इंग्लैंड के विकेट के अनुकूल हैं।


अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल 'ऐश की बात' पर कहा कि यदि कंबोज को टीम में शामिल किया जाता है, तो भारतीय गेंदबाजी आक्रमण और भी प्रभावशाली होगा। उन्होंने यह भी बताया कि केवल गेंदबाजी की ताकत ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि रणनीति को समझना भी आवश्यक है। जहीर खान से लेकर बुमराह तक, ऐसे गेंदबाजों ने मैदान पर अपनी रणनीति को बखूबी अपनाया है।


अश्विन के अनुसार, अंशुल भी इसी तरह की समझ रखते हैं, जो उन्हें खास बनाता है। हालांकि उन्होंने कौशल की तुलना में थोड़ा बचाव किया, लेकिन अंशुल की आईपीएल में प्रभावशाली गेंदबाजी ने उन्हें एक मजबूत दावेदार बना दिया है। टीम में बुमराह और सिराज के साथ अंशुल के शामिल होने से भारतीय तेज गेंदबाजी में मजबूती आएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे समय में जब टीम के पास सीमित विकल्प हैं, युवा और प्रतिभाशाली गेंदबाजों को मौका देना सही रणनीति होगी।