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भारत ने चीनी निर्यात के लिए 15 लाख टन की मंजूरी दी

केंद्र सरकार ने 2025-26 चीनी सत्र के लिए 15 लाख टन चीनी के निर्यात को मंजूरी दी है, जो गन्ना उत्पादक किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस निर्णय की जानकारी दी और बताया कि शीरा पर 50% निर्यात शुल्क भी हटा दिया गया है। इसके अलावा, इथेनॉल उत्पादन में कमी के कारण अधिक स्टॉक की स्थिति बनी हुई है। जानें इस विषय में और क्या जानकारी है।
 

गन्ना उत्पादकों के लिए खुशखबरी

गन्ना मूल्य और निर्यात कोटा: नई दिल्ली | देशभर के गन्ना उत्पादक किसानों के लिए एक सकारात्मक समाचार आया है। केंद्र सरकार ने 2025-26 चीनी सत्र के लिए अक्टूबर से 15 लाख टन चीनी के निर्यात को स्वीकृति दे दी है। केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को लिखे पत्र में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शीरा पर 50% निर्यात शुल्क भी हटा दिया गया है।


भारत का चीनी निर्यात

केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यह भी बताया कि वर्तमान चीनी सत्र के लिए 15 लाख टन चीनी के निर्यात की मंजूरी दी गई है। शीरे पर से भी 50% निर्यात शुल्क समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने सितंबर में समाप्त हुए 2024-25 चीनी सत्र में 10 लाख टन आवंटन के मुकाबले लगभग 8 लाख टन चीनी का निर्यात किया था।


अधिक स्टॉक की स्थिति

खाद्य सचिव संजीव चौपड़ा ने हाल ही में बताया कि सरकार ने अधिक स्टॉक जमा होने के कारण चीनी निर्यात की अनुमति देने पर विचार किया है, क्योंकि इथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी का उपयोग अपेक्षा से कम रहा है।


उत्पादन की उम्मीदें

उन्होंने कहा कि चीनी मिलों में 2024-25 में इथेनॉल निर्माण के लिए केवल 34 लाख टन चीनी का उपयोग किया गया, जो अनुमानित 45 लाख टन से काफी कम है। इसके परिणामस्वरूप, चालू सीजन के लिए प्रारंभिक स्टॉक अधिक है। संजीव चौपड़ा ने 2025-26 में चीनी उत्पादन 34 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद जताई है, जबकि घरेलू मांग 285 लाख टन है।