भारत ने लॉन्च किया नया सेटेलाइट सीएमएस 03, नौसेना की संचार क्षमता में सुधार
भारत की नई अंतरिक्ष उपलब्धि
नई दिल्ली। भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। रविवार को, भारत ने लगभग साढ़े चार टन वजनी सेटेलाइट सीएमएस 03 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह सेटेलाइट भारतीय नौसेना की संचार क्षमताओं को और अधिक सशक्त बनाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इसे 2 नवंबर को शाम 5:26 बजे लॉन्च किया। यह सेटेलाइट भारत से जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में भेजा जाने वाला सबसे भारी सेटेलाइट है।
जीटीओ और सेटेलाइट का महत्व
जीटीओ एक अंडाकार कक्षा है, जिसमें रॉकेट ने सेटेलाइट को सफलतापूर्वक स्थापित किया है। सोमवार को सेटेलाइट का इंजन फायर किया जाएगा, जिससे यह कक्षा को गोलाकार बना सकेगा, जिसे जियोस्टेशनरी ऑर्बिट कहा जाता है। इस स्थिति में, सेटेलाइट 24 घंटे कवरेज प्रदान कर सकता है। इससे पहले, इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन में 3900 किलो का पेलोड जीटीओ में भेजा था।
दुनिया का सबसे भारी सेटेलाइट
वर्तमान में, दुनिया का सबसे भारी सेटेलाइट इकोस्टार 24 (जुपिटर 3) है, जिसका वजन लॉन्च के समय लगभग 9000 किलो था। इसे स्पेसएक्स के फाल्कन हैवी रॉकेट द्वारा लॉन्च किया गया था। इस बीच, एलवीएम-3 लॉन्च व्हीकल की यह पांचवीं ऑपरेशनल उड़ान है, जिसमें अधिक वजन उठाने के लिए कुछ आवश्यक संशोधन किए गए हैं।
सीएमएस 03 का कार्यक्षेत्र
सीएमएस 03 एक मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन सेटेलाइट है, जो हिंद महासागर के बड़े क्षेत्र सहित पूरे भारतीय क्षेत्र को सेवाएं प्रदान करेगा। इसे श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से लॉन्च किया गया है और यह पुराने जीएसएटी-7 (रुक्मिणी सेटेलाइट) की जगह लेगा, जो वर्तमान में नौसेना के संचार का मुख्य आधार है। 'रुक्मिणी' के माध्यम से युद्धपोतों, पनडुब्बियों, विमानों और किनारे पर स्थित कमांड सेंटर्स के बीच सुरक्षित रीयल टाइम कनेक्शन स्थापित किया जा सकता है।