भारत बंद: 25 करोड़ कर्मचारी विरोध प्रदर्शन में शामिल
भारत बंद का आह्वान
भारत बंद: आज ट्रेड यूनियनों ने एक व्यापक हड़ताल का आह्वान किया है। यह एक राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हड़ताल है जिसमें विभिन्न सरकारी क्षेत्रों के 25 करोड़ से अधिक कर्मचारी भाग ले रहे हैं। यह विरोध प्रदर्शन केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ किया जा रहा है। यूनियनों का कहना है कि सरकार ऐसी नीतियों को लागू कर रही है जो कर्मचारियों और किसानों के हितों के खिलाफ हैं और बड़े निजी उद्योगों को लाभ पहुंचा रही हैं।
प्रभावित सेवाएं
यह हड़ताल 10 प्रमुख ट्रेड यूनियनों द्वारा किसानों और ग्रामीण श्रमिकों के साथ मिलकर आयोजित की गई है। आज कई सार्वजनिक सेवाओं पर असर पड़ने की संभावना है।
ये सेवाएं रहेंगी प्रभावित:
बैंक और बीमा कार्यालय
डाकघर
कोयला खदानें और कारखाने
सरकारी बसें और अन्य परिवहन सेवाएं
बिजली आपूर्ति और संबंधित सेवाएं
सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक कंपनियों में कार्य
किसान समूह विभिन्न स्थानों पर रैलियां आयोजित करने की योजना बना रहे हैं
क्या खुले रहेगा?
क्या खुले रहेगा?
स्कूल और कॉलेज
निजी कंपनियों के कार्यालय
ट्रेनें (हालांकि देरी संभव है)
यूनियनों की मांगें
एआईटीयूसी की अमरजीत कौर ने बताया कि सरकार ने यूनियनों की 17 मांगों पर ध्यान नहीं दिया है। वे इस बात से भी चिंतित हैं कि पिछले 10 वर्षों में वार्षिक श्रम सम्मेलन नहीं हुआ है। हिंद मजदूर सभा के हरभजन सिंह सिद्धू ने कहा कि इस हड़ताल के कारण सार्वजनिक सेवाओं में गंभीर व्यवधान आएगा।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने भी पुष्टि की है कि बैंक और बीमा कार्यालय इस हड़ताल का हिस्सा हैं। हालांकि बैंक आधिकारिक तौर पर बंद नहीं हैं, लेकिन आज कई शाखाएं और एटीएम सही से काम नहीं कर सकते हैं। लगभग 27 लाख बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों के शामिल होने की उम्मीद है, जिससे कुछ क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।
हड़ताल में भाग लेने वाले
इस हड़ताल में कौन- कौन ले रहा है हिस्सा:
सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के कर्मचारी
स्व-नियोजित कर्मचारी, जैसे सेवा समूह की महिलाएं
किसान समूह, विशेष रूप से संयुक्त किसान मोर्चा
स्टील प्लांट, एनएमडीसी और रेलवे जैसी सार्वजनिक कंपनियों के कर्मचारी