भारत में कारोबारी गतिविधियों में तेजी, नई कंपनियों का पंजीकरण बढ़ा
भारत में कंपनियों का पंजीकरण
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ बढ़ाने के बावजूद, भारत में व्यापारिक गतिविधियों में तेजी बनी हुई है। अगस्त महीने में नई कंपनियों और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) के पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। यह जानकारी कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय ने साझा की।
मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में लगभग 20,170 कंपनियों का पंजीकरण हुआ, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 37 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। यह लगातार आठवां महीना है जब कंपनियों के पंजीकरण में वृद्धि हुई है। इसी तरह, एलएलपी का पंजीकरण भी सालाना आधार पर 22 प्रतिशत बढ़कर 6,939 तक पहुंच गया है। यह छठा महीना है जब एलएलपी पंजीकरण में वृद्धि देखी जा रही है।
कंपनियों और एलएलपी के पंजीकरण में यह वृद्धि देश के सकारात्मक कारोबारी माहौल और जीडीपी वृद्धि के कारण है।
सरकार छोटे व्यवसायों को समर्थन देने के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में सुधार पर लगातार कार्य कर रही है। जीएसटी दरों में कमी लाने के लिए परिषद की बैठक बुधवार से शुरू हो गई है, जो 4 सितंबर तक चलेगी।
इस बैठक में जीएसटी के ढांचे को दो स्तरीय टैक्स स्लैब में बदलने पर चर्चा की जाएगी, जिससे 150 से अधिक उत्पादों पर जीएसटी दरों में कमी की संभावना है।
एनएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून की अवधि में देश की वास्तविक जीडीपी 47.89 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की वास्तविक जीडीपी 44.42 लाख करोड़ रुपये से 7.8 प्रतिशत अधिक है।
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में कृषि और संबंधित क्षेत्रों की वास्तविक जीवीए वृद्धि 3.7 प्रतिशत रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 1.5 प्रतिशत थी।
द्वितीय क्षेत्र की विकास दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 7.5 प्रतिशत रही, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग की वृद्धि 7.7 प्रतिशत और कंस्ट्रक्शन की वृद्धि 7.6 प्रतिशत रही।
तीसरे क्षेत्र, जिसमें सेवाएं शामिल हैं, की विकास दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 9.3 प्रतिशत रही।