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भारत-रूस संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एस जयशंकर की महत्वपूर्ण बैठक

केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मॉस्को में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में भारत-रूस संबंधों को मजबूत करने के लिए कई उपायों पर चर्चा की गई। जयशंकर ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने और रक्षा सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कृषि, फार्मा और कपड़ा जैसे क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाने के लिए गैर-टैरिफ बाधाओं को दूर करने की बात की। इस बैठक का उद्देश्य वर्ष के अंत में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारी करना भी था।
 

भारत-रूस संबंधों की नई दिशा

केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को मॉस्को में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि बदलते आर्थिक और व्यापारिक परिदृश्य में भारत-रूस संबंधों की पूरकता को अधिकतम करना एक साझा लक्ष्य है। जयशंकर ने यह भी बताया कि रक्षा और सैन्य-तकनीकी सहयोग में मजबूती बनी हुई है। रूस भारत के 'मेक इन इंडिया' लक्ष्यों का समर्थन करता है, जिसमें संयुक्त उत्पादन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमने द्विपक्षीय व्यापार को संतुलित और टिकाऊ तरीके से बढ़ाने की अपनी महत्वाकांक्षा की पुष्टि की, जिसमें भारत से रूस को निर्यात बढ़ाना भी शामिल है। इसके लिए गैर-टैरिफ और नियामक बाधाओं को तेजी से दूर करने की आवश्यकता है। कृषि, फार्मा और कपड़ा जैसे क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाने से असंतुलन को ठीक करने में मदद मिलेगी। 


बैठक का महत्व

आज की बैठक ने हमारे राजनीतिक संबंधों और द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया। हम वर्ष के अंत में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारी कर रहे हैं। हमारे नेताओं ने हमेशा हमें अपने विशेष रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन किया है। हमने द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर चर्चा की और कई समाधान निकाले। मैं द्विपक्षीय चर्चाओं को आगे बढ़ाना चाहता हूँ ताकि वार्षिक शिखर सम्मेलन में अधिकतम परिणाम प्राप्त हो सकें। हमारी बैठक का संदर्भ बदलती भू-राजनीतिक स्थिति और आर्थिक व्यापार परिदृश्य द्वारा निर्धारित किया गया है, और हमारा साझा लक्ष्य अपनी पूरकता को अधिकतम करना है। 


आगे की योजनाएँ

जयशंकर ने कहा कि यह बैठक न केवल राजनीतिक संबंधों पर चर्चा करने का अवसर है, बल्कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा का भी अवसर है। मैं राजनीति, व्यापार, आर्थिक निवेश, रक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, और लोगों के बीच आपसी आदान-प्रदान पर विचारों के आदान-प्रदान की आशा करता हूँ। हमारे नेता पिछले साल जुलाई में 22वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मिले थे। अब हम वर्ष के अंत में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारी कर रहे हैं, और उन्होंने हमेशा हमें हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन किया है। कल अंतर-सरकारी आयोग पर डेनिस मंटुरोव के साथ हमारी एक उपयोगी बैठक हुई, जिसमें हमने द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर चर्चा की और समाधान निकाले।