महाराष्ट्र में स्थानीय चुनावों की हलचल: क्या मनसे का होगा महा विकास अघाड़ी में शामिल होना?
स्थानीय निकाय चुनावों में हलचल
महाराष्ट्र की राजनीति में स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने सोमवार को संकेत दिया कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में मनसे की भूमिका भी देखी जा सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि राज ठाकरे का मानना है कि कांग्रेस को इस गठबंधन में शामिल होना चाहिए, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय अभी नहीं लिया गया है। राउत ने स्पष्ट किया कि बातचीत चल रही है, लेकिन आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है।
कांग्रेस के साथ बढ़ते संपर्क
संजय राउत ने बताया कि उन्होंने एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ कुछ मुद्दों पर चर्चा की है। इसके अलावा, वे जल्द ही राहुल गांधी से भी मिलने की योजना बना रहे हैं। उद्धव ठाकरे भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, राज्य कांग्रेस के कई नेता मनसे के साथ गठबंधन पर आपत्ति जता रहे हैं, उनका मानना है कि यह कदम पार्टी की स्थिति को कमजोर कर सकता है, खासकर आगामी विधानसभा चुनावों से पहले।
राजनीति में सभी दलों की भूमिका
राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीति में हर दल का महत्व है, चाहे वह मनसे हो, एनसीपी, वामपंथी पार्टियाँ या शिवसेना (यूबीटी)। उन्होंने जानकारी दी कि राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे और शरद पवार सहित विपक्षी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात करेगा।
ठाकरे परिवार के बीच नज़दीकियां
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे, जो पहले एक-दूसरे से दूरी बनाए रखते थे, पिछले कुछ महीनों में कई बार मिल चुके हैं। 2024 विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद दोनों नेताओं के बीच नज़दीकियां बढ़ी हैं। हालांकि, निकाय चुनाव के लिए गठबंधन की औपचारिक घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन संकेत स्पष्ट हैं कि बातचीत गंभीर स्तर पर चल रही है।
भाजपा और शिंदे खेमे की प्रतिक्रिया
इस संभावित गठबंधन पर भाजपा और एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने तंज कसा है कि क्या हिंदुत्व की राजनीति करने वाले राज ठाकरे कांग्रेस के वीर सावरकर पर रुख से सहमत होंगे।
मनसे का स्पष्टीकरण
इस बीच, मनसे नेता संदीप देशपांडे ने स्पष्ट किया कि पार्टी का उद्देश्य चुनावी पारदर्शिता को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी से बात करना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का जिक्र केवल प्रतिनिधिमंडल तक सीमित है, और गठबंधन का सवाल अभी राज ठाकरे के विवेक पर निर्भर है।