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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हूल आंदोलन के शहीदों को दी श्रद्धांजलि

दिल्ली स्थित झारखंड भवन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हूल आंदोलन के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि हूल दिवस केवल एक दिन का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह हमारी पहचान और ताकत का प्रतीक है। इस अवसर पर उन्होंने बाबा दिशोम गुरुजी की अस्वस्थता का भी जिक्र किया। साथ ही, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की गंभीर स्वास्थ्य स्थिति पर भी चर्चा की गई। जानें इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के बारे में और क्या कहा गया।
 

श्रद्धांजलि का आयोजन

दिल्ली में स्थित झारखंड भवन में सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भारत माता के वीर सपूतों और हूल आंदोलन के प्रमुख सिदो-कान्हू तथा चांद-भैरव को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 1855 में स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीदों के संघर्ष और बलिदान के मार्ग पर चलने वाले बाबा दिशोम गुरुजी (शिबू सोरेन) इस समय अस्वस्थ हैं।


हूल दिवस का महत्व

मुख्यमंत्री ने कहा कि हूल दिवस केवल एक दिन का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह हमारे लिए एक संकल्प का दिन है। हूल हमारी ताकत और पहचान है। उन्होंने यह भी बताया कि वह बाबा दिशोम गुरुजी की अस्वस्थता के कारण भोगनाडीह की वीर भूमि पर नहीं आ सके।


अमर शहीदों को नमन

उन्होंने राज्यवासियों से कहा कि भविष्य में आदिवासी धर्म कोड, संस्कृति, भाषा, सभ्यता और पहचान के लिए हूल उलगुलान होगा। हूल दिवस पर अमर वीर शहीदों को शत-शत नमन किया।

शिबू सोरेन की स्वास्थ्य स्थिति

गंगाराम अस्पताल में भर्ती झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को ब्रेन स्ट्रोक आया है और उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। उन्हें आईसीयू में रखा गया है, जहां विशेषज्ञ डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं। उन्हें पहले से किडनी की समस्या है।


विधायकों की उपस्थिति

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ कई विधायक भी मौजूद थे, जिनमें गांडेय विधायक कल्पना सोरेन, रामगढ़ विधायक ममता देवी, टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो, सारठ विधायक उदय प्रताप सिंह उर्फ चुन्ना सिंह, खिजरी विधायक राजेश कच्छप और पूर्व विधायक के एन त्रिपाठी शामिल थे।