राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का झारखंड दौरा: शिक्षा को बताया आदिवासी विकास की कुंजी
रांची में आदिवासी सांस्कृतिक कार्यक्रम
रांची: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड के गुमला जिले में एक महत्वपूर्ण आदिवासी सांस्कृतिक समारोह में शिक्षा को आदिवासी समुदाय के विकास की सबसे महत्वपूर्ण आधारशिला बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा न केवल व्यक्तियों के जीवन को सुधारती है, बल्कि समाज के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। राष्ट्रपति ने शिक्षित लोगों से आग्रह किया कि वे अपने गांवों और समुदायों के लोगों को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में सक्रिय रूप से भाग लें।
आदिवासी समाज के लिए शिक्षा की महत्ता
राष्ट्रपति ने 'कार्तिक यात्रा' नामक अंतरराज्यीय जनसंस्कृति समागम में कहा कि शिक्षा व्यक्तित्व को विकसित करती है, आत्मविश्वास को बढ़ाती है और विकास के नए अवसर प्रदान करती है। उन्होंने जोर दिया कि समावेशी विकास और सामाजिक न्याय तभी संभव है जब शिक्षा सभी वर्गों तक पहुंचे। इस कार्यक्रम में झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के विभिन्न आदिवासी समुदायों की बड़ी संख्या में भागीदारी देखी गई।
गांवों से दूरी पर चिंता
राष्ट्रपति मुर्मू ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि शिक्षा प्राप्त करने के बाद कई लोग शहरों में बस जाते हैं, जिससे उनके गांवों से संबंध कमजोर हो जाता है। उन्होंने कहा कि शिक्षित युवाओं की जिम्मेदारी है कि वे अपने गांव लौटें, लोगों को जागरूक करें और सरकारी योजनाओं की जानकारी दें। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार योजनाएं बना सकती है, लेकिन उनकी सफलता तभी संभव है जब लोग उनके बारे में जानें और उन्हें अपनाएं।
सरकार का आदिवासी विकास पर ध्यान
राष्ट्रपति ने कहा कि केंद्र सरकार आदिवासी समुदाय के समग्र और समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर कई योजनाएं शुरू की गई हैं, जिनका उद्देश्य उन लोगों तक विकास पहुंचाना है जो अभी भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। सरकार आदिवासी क्षेत्रों में आवास, पेयजल, सड़क, स्कूल और स्वास्थ्य जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है।
आदिवासी विश्वविद्यालय की मांग पर प्रतिक्रिया
गुमला में आदिवासी विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग पर राष्ट्रपति ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वे इस दिशा में प्रयास करेंगी, लेकिन उम्मीद जताई कि राज्य सरकार भी इस मांग को गंभीरता से लेकर इसे पूरा करने की दिशा में कदम उठाएगी।
तीन दिवसीय झारखंड दौरा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन दिवसीय झारखंड दौरे पर थीं। इससे पहले, उन्होंने जमशेदपुर के करांडीह में संताली भाषा की ओल चिकी लिपि के 100 वर्ष पूरे होने के समारोह और 22वें संताली 'पारसी महा' को संबोधित किया। इसी दिन उन्होंने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) के 15वें दीक्षांत समारोह में भी भाग लिया।
रांची में औपचारिक मुलाकात
अपने दौरे के दौरान, राष्ट्रपति ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनकी पत्नी और विधायक कल्पना सोरेन के साथ रांची स्थित लोक भवन में शिष्टाचार मुलाकात की। राष्ट्रपति मंगलवार शाम को दिल्ली के लिए रवाना हुईं।