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लंदन में खालिस्तानी समर्थकों का भारत विरोधी प्रदर्शन

लंदन में खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीयों के एक प्रदर्शन के दौरान भारत विरोधी नारे लगाए। यह प्रदर्शन बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा के विरोध में था। प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार से बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा के लिए सीमा खोलने की मांग की। इस घटना पर कई हिंदू संगठनों की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए गए। जानें इस घटना के सभी पहलुओं के बारे में।
 

भारतीयों का प्रदर्शन और खालिस्तानी कार्यकर्ताओं की गतिविधियाँ


लंदन में खालिस्तानी समर्थकों ने भारत के खिलाफ नारेबाजी की। सिख फॉर जस्टिस संगठन से जुड़े इन कार्यकर्ताओं ने खालिस्तानी झंडे भी लहराए। यह प्रदर्शन बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा के विरोध में आयोजित किया गया था, जिसमें भारतीय समुदाय ने बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर अपनी आवाज उठाई।


प्रदर्शन के दौरान खालिस्तानी कार्यकर्ताओं ने पोस्टर उठाए, जिन पर 'शहीद निज्जर', 'शहीद हादी', और 'एसेसिनेशनंस बाय मोदी' जैसे नारे लिखे थे। इनमें से एक पोस्टर पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर को माला पहनाई गई थी।


खालिस्तानी समर्थकों ने प्रदर्शनकारियों के साथ धक्का-मुक्की की और भारत सरकार पर हादी की हत्या का आरोप लगाया। इस घटना पर यूएन इनसाइट ग्रुप की मनु खजूरिया ने चिंता व्यक्त की और कहा कि खालिस्तानी अल्पसंख्यकों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।


भारत सरकार से बॉर्डर खोलने की मांग

प्रदर्शन कर रहे भारतीयों ने भारत सरकार से अपील की कि बांग्लादेशी हिंदू हिंसा से बचने के लिए सीमा खोली जाए। इस दौरान दीपू चंद्र दास और अमृत मंडल की लिंचिंग का भी उल्लेख किया गया।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदर्शन में शामिल डॉ. सुबोध बिस्वास ने कहा कि हिंदू संगठनों को इस संकट में सक्रिय होना चाहिए, क्योंकि बांग्लादेश के हिंदू केवल भारत पर भरोसा कर सकते हैं।


हिंदू संगठनों की निष्क्रियता पर सवाल

सनातन जागरण मंच के एक कार्यकर्ता ने कहा कि बांग्लादेश में 2.5 करोड़ हिंदू हैं, जो कोई छोटी संख्या नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत के हिंदू संगठन केवल जुबानी बातें कर रहे हैं, जबकि यह स्थिति एक नरसंहार की तरह है।